नई दिल्ली, 29 अगस्त . भारतीय वायु सेना के महान लड़ाकू पायलट और 1965 के युद्ध के नायक एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर का निधन हो गया है. उनके निधन से देश में शोक की लहर फैल गई है. उनके निधन पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुख जताया. उन्होंने उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके योगदान, साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा. डेन्ज़िल कीलोर कीर्ति चक्र और वीर चक्र से सम्मानित किए गए थे. उन्होंने दुश्मन के विमान को मार गिराया था और देश की सीमाओं की रक्षा की थी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. कीर्ति चक्र और वीर चक्र पुरस्कार विजेता के रूप में उन्होंने हमारे देश की सीमाओं की रक्षा की और हवाई युद्ध में दुश्मन के विमान को मार गिराया. उन्हें 1965 के युद्ध के नायक के रूप में सम्मानित किया गया.”
उन्होंने लिखा, “मुझे मार्शल कीलोर को व्यक्तिगत रूप से जानने का सम्मान मिला. उन्होंने ग्वालियर के महाराजपुर में मिराज बेस की कमान संभाली थी. उनके योगदान, साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा. मैं इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करता हूं. ओम शांति.”
बता दें कि एयरफोर्स के लड़ाकू पायलट डेन्ज़िल कीलोर का निधन बुधवार को हो गया. उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. वह गुरुग्राम में रह रहे थे. उनकी पहचान एक जांबाज पायलट के रूप में होती है. 1965 में हुए युद्ध के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे. वीरतापूर्ण कार्यों के लिए उन्हें युद्ध के समय के तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार, वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 के युद्ध में भी कीलोर ने हिस्सा लिया था. हालांकि, 8 दिसंबर को उनके विमान को मार गिराया गया था. इस हादसे में वह घायल हो गए थे और युद्ध का बाकी समय अस्पताल में रहकर गुजारना पड़ा था.
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