![]()
New Delhi, 13 नवंबर . दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने Thursday को भलस्वा लैंडफिल साइट का निरीक्षण कर वहां चल रहे बायो-माइनिंग, कचरा प्रोसेसिंग और धूल प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों की समीक्षा की. इस अवसर पर दिल्ली नगर निगम एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सूद ने स्थल पर जाकर बायो-माइनिंग कार्यों, ट्रोमल मशीन की कार्यप्रणाली और प्री प्रोसेस्ड कचरे के निस्तारण की व्यवस्था का निरीक्षण किया.
आशीष सूद ने बताया कि उन्होंने 17 सितंबर को भी भलस्वा साइट की विजिट की थी और उसमें पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कुछ दिशा निर्देश दिए थे. आज यह विजिट उन्हीं निर्देशों के अनुपालन के लिए की गई थी. सूद ने यह भी कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगभग 4000 एमटी नया कूड़ा प्रतिदिन आता है, जिसके निस्तारण के साथ-साथ पुराने कूड़े को भी वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किए जाए.
उन्होंने बताया कि भलस्वा साइट पर कूड़ा डालने वाली गाड़ियों के प्रतिदिन 800 से ज्यादा चक्कर लगाते हैं, जिसमे 7000 लीटर डीजल की खपत होती है इससे भी वायु प्रदूषण हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यहां 16 ट्रोमल मशीन कूड़ा निस्तारण के काम में लगी हुई है, इसके चलने से धूल उड़ती है उसकी डस्ट से भी वायु प्रदूषण होता है.
मंत्री ने डस्ट प्रदूषण को कम करने के लिए एमसीडी के अधिकारियों तथा कूड़ा प्रोसेस करने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों को भलस्वा साइट पर तत्काल 6 एंटी स्मोग गन और 12 स्प्रिंकलर लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को प्रदूषण के दृष्टिकोण से ‘हॉटस्पॉट’ घोषित किया जाए, ताकि यहां विशेष निगरानी रखी जा सके. इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारी इस पूरे एरिया का ड्रोन सर्वे कराए और बचे हुए कूड़े का भी अलग से असेसमेंट करा कर इसकी रिपोर्ट 10 दिन के भीतर प्रस्तुत करें.
उन्होंने यह भी बताया कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर करोल बाग जोन, एसपी जोन तथा नरेला जोन आदि मिलाकर 23 वार्डो का कूड़ा आता है. यहां पर दिल्ली का सबसे ज्यादा कूड़ा आता है. भलस्वा लैंडफिल साइट से आसपास के कई इलाकों जैसे बादली, जहांगीर पूरी, मॉडल टाउन, शालीमार बाग और आदर्श नगर में प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा है. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि नया कचरा आने के साथ-साथ प्रतिदिन उसका निपटान भी हो, जिससे नया ‘कूड़े का पहाड़’ न बने.
निरीक्षण के दौरान आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या केवल राजधानी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए आसपास के राज्यों का भी योगदान है. नरेला, खरखौदा और सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. भलस्वा लैंडफिल साइट अपने आप में एक बड़ा प्रदूषण स्रोत है.
उन्होंने बताया कि भलस्वा लैंडफिल साइट वर्ष 1994 से संचालित हो रही है और वर्ष 2019 में इसकी ऊंचाई 65 मीटर तक पहुंच गई थी. उस समय साइट पर लगभग 80 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट मौजूद था. सूद ने आगे बताया कि वर्ष 2022 में लिगेसी वेस्ट की मात्रा लगभग 73 लाख मीट्रिक टन थी. जुलाई 2022 से 7 नवंबर 2025 तक करीब 36.29 लाख मीट्रिक टन ताजा ठोस कचरा, सिल्ट और मलबा यहां डंप किया गया. इस प्रकार कुल 109.29 लाख मीट्रिक टन (73 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट प्लस 36.29 लाख मीट्रिक टन ताजा कचरा) में से 68.82 लाख मीट्रिक टन की बायोमाइनिंग 7 नवंबर 2025 तक पूरी की जा चुकी है. शेष लगभग 40.47 लाख मीट्रिक टन कचरा अब भी यही पर मौजूद है.
मंत्री ने कहा कि हमारी Government के आने के बाद भलस्वा लैंडफिल साइट पर कूड़े की बायो माइनिंग का काम बहुत तेजी से किया जा रहा है, इसके अनुकूल परिणाम कुछ ही दिनों में देखने को मिलेंगे. सूद ने बताया कि नए कूड़े के निस्तारण के लिए भलस्वा लैंडफिल साइड पर ही 10 एकड़ भूमि और उपलब्ध हो गई है जिस पर गीले कूड़े की प्रोसेसिंग का काम दिसंबर 2025 तक चालू हो जाएगा.
उन्होंने एमसीडी के अधिकारियों को भलस्वा साइट पर आग की घटनाएं रोकने के लिए भी शीघ्र और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस लैंडफिल साइट पर आग लगने से यहां वायु प्रदूषण में इजाफा होता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लैंडफिल साइट से कचरे की ऊंचाई में कमी लाने और प्रोसेसिंग की गति बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम तेजी से उठाए जाएं. साथ ही आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण और दुर्गंध की समस्या को रोकने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएं.
सूद ने कहा कि दिल्ली Government की प्राथमिकता स्वच्छ और स्वस्थ दिल्ली है. लैंडफिल साइटों के वैज्ञानिक प्रबंधन, कूड़े को अलग करना और रीसाइक्लिंग पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि आने वाले समय में दिल्ली को ‘लैंडफिल-मुक्त’ बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि Prime Minister मोदी के मार्गदर्शन और Chief Minister रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली Government राजधानी को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
–
डीकेपी/