महाकुंभ भगदड़ पर मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान, विपक्ष पर कसा तंज

छतरपुर, 2 फरवरी . उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर महाकुंभ मेले के दौरान भगदड़ में हुई मौतों को लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विपक्ष का कहना है कि यूपी सरकार ने इन मौतों को छुपाने की कोशिश की है. इस पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इंदर सिंह परमार ने तल्ख टिप्पणी की है.

मंत्री इंदर सिंह परमार ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो लोग भारतीय संस्कृति पर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि इस देश में एक ऐसी विचारधारा हमेशा से रही है, जिसने इस देश की सभ्यता, संस्कृति और अच्छाइयों को बदनाम करने की कोशिश की. यह काम आज से नहीं, बल्कि मुगलों के आक्रमण से लेकर अंग्रेजों तक किया गया है. हमारी शौर्य गाथाओं को दबाने का काम हमेशा किया गया, चाहे वह महाराज छत्रसाल, महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धाओं की शौर्य गाथाएं हों, या हमारा गौरवमयी इतिहास.

परमार ने आगे कहा कि क्या कभी किसी ने यह प्रयास किया कि इन महापुरुषों की वीरता को पाठ्यक्रम में शाम‍ि‍ल क‍िया जाए? क्या कभी हमारी संस्कृति को सही तरीके से समझने की कोशिश की गई? उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इन मौतों को केवल राजनीति का हिस्सा बना दिया है. कुंभ मेले में जो मौतें हुईं, उन्हें विपक्ष ने एक व्यापार के रूप में पेश किया है. क्या यह मौतें व्यापार से जुड़ी हुई थीं?

मंत्री ने आगे कहा कि यह एक धार्मिक आयोजन था, जहां करोड़ों लोग आते हैं और अपनी आस्था व्यक्त करते हैं. ऐसी घटनाएं कभी भी हो सकती हैं, लेकिन इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं होना चाहिए.

बता दें कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए. घटना को लेकर सरकार ने बताया कि संगम तट पर पहुंचने की कोशिश में श्रद्धालुओं द्वारा बैरिकेड्स को धक्का दिए जाने के कारण भगदड़ मची.

योगी सरकार ने भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.

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