नई दिल्ली, 29 नवंबर . केंद्रीय खान मंत्रालय ने देश के अपतटीय क्षेत्रों में 13 खनिज ब्लॉकों की नीलामी का पहला चरण शुरू कर दिया है. सरकार का यह कदम समुद्र के नीचे खनिज संसाधनों की खोज और विकास में भारत के प्रवेश की एक ऐतिहासिक पहल के रूप में खास है. इस नीलामी का शुभारंभ खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने किया.
भारत के अपतटीय क्षेत्र में टेरिटोरियल वॉटर, कॉन्टिनेंटल शेल्फ, एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन और दूसरे समुद्री क्षेत्र शामिल हैं. पहले चरण के तहत कुल 13 ब्लॉकों की नीलामी की जाएगी, जिसमें रेत के निर्माण और चूना मिट्टी के लिए तीन-तीन ब्लॉक शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 13 में से सात ब्लॉक पॉलिमेटेलिक नोड्यूल होंगे.
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नीलामी की शुरुआत की सराहना करते हुए इस कदम को “अपतटीय एक्सप्लोरेशन में एक नए युग की शुरुआत” बताया. उन्होंने कहा कि यह भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन इंफ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर के लिए संसाधनों को जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो भारत के आत्मनिर्भर बनने की राह में एक अहम कदम होगा.
उन्होंने पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करते हुए सरकार के सस्टेनेबल खनन से जुड़े उद्देश्यों पर जोर दिया. केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने अपतटीय खनिजों के शुभारंभ के बाद अपने संबोधन में कहा, “यह नीलामी और एक्सप्लोरेशन भारत की ब्लू इकॉनमी को अनलॉक करेगा और खनन क्षेत्र को विकसित भारत की यात्रा का हिस्सा बनने में मदद करेगा. कई देश अपतटीय खनन कर रहे हैं और अब भारत भी इसका हिस्सा होगा. व्यापार को आसान बनाने के लिए, खान मंत्रालय कई उपाय और संशोधन शुरू कर रहा है.”
इससे पहले खान मंत्रालय के सचिव वीएल. कांथा राव ने अपने संबोधन में आयात पर निर्भरता कम करने के महत्व को उजागर किया. उन्होंने बताया कि अपतटीय नीलामी भारत के खनिज स्रोतों में विविधता लाने का काम करेगी और 2070 तक देश की नेट जीरो कमिटमेंट का समर्थन करेगी, जिसका लक्ष्य गहरे समुद्र से स्थायी संसाधनों के जरिए भारत को अधिक लचीला बनाना है.
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एसकेटी/एबीएम