म्यांमार में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के प्रवेश पर रोक, सैन्य सरकार का फैसला

नेपीडॉ, 31 मार्च . म्यांमार की सैन्य सरकार ने देश में भूकंप से तबाह क्षेत्रों की कवरेज के लिए विदेशी मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया. भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1700 हो गई है.

सैनिक शासन ने आवास, बिजली कटौती और पानी की कमी जैसी कठिनाइयों का हवाला देते हुए यह प्रतिबंध लगाया है.

रविवार को जारी एक ऑडियो बयान में शासन के प्रवक्ता जॉ मिन टुन ने कहा, “विदेशी पत्रकारों के लिए यहां आना, रहना, आश्रय पाना या घूमना संभव नहीं है. हम चाहते हैं कि हर कोई यह समझे.”

म्यांमार में स्थानीय पत्रकारों को गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में विदेशी मीडिया को प्रवेश से वंचित करने से इस आपदा के प्रति सैनिक शासन की प्रतिक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न होती हैं.

कई अन्य लोगों ने जुंटा पर मानवीय सहायता को उन प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने से रोकने का आरोप लगाया जो उसके प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं हैं.

2021 में तख्तापलट के बाद से, म्यांमार कई सशस्त्र विपक्षी समूहों के साथ गृहयुद्ध में उलझा हुआ है. उस वक्त सेना ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंका था.

इस बीच, कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि हिंसा और आपदा से प्रभावित राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में सेना ने हवाई हमले जारी रखे हैं.

मीडिया आउटलेट म्यांमार नाउ के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कई लोग सहायता कर्मियों और स्वतंत्र मीडिया के लिए अप्रतिबंधित पहुंच की मांग कर रहे हैं क्योंकि देश में व्यापक विनाश करने वाले 7.7 तीव्रता के बड़े भूकंप के बीच मानवीय संकट बढ़ रहा है.

म्यांमार नाउ ने दावा किया कि मीडिया पर सैन्य जुंटा की कार्रवाई अच्छी तरह से दस्तावेजों में दर्ज है. 2023 में, इसके फोटो जर्नलिस्ट साई जॉ थाइक को चक्रवात मोचा के बाद रिपोर्टिंग करते समय गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई.

म्यांमार में सोमवार सुबह 2.8 से 7.5 तीव्रता वाले भूकंप के 36 झटके महसूस किए गए. देश के मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ये झटके पिछले शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:51 बजे म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद महसूस किए गए.

म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद ने रविवार को जानकारी दी कि भीषण भूकंप में लगभग 1,700 लोग मारे गए, 3,400 घायल हुए और 300 लोग लापता हैं.

म्यांमार के मांडले क्षेत्र में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके कुछ ही मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका आया, जिससे देश में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ. म्यांमार के साथ ही थाईलैंड में भूकंप ने तबाही मचाई. झटके चीन, बांग्लादेश और भारत में महसूस किए गए.

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि 10 लोग मारे गए और 42 अन्य घायल हो गए, तथा 78 अन्य लापता हैं. भूकंप के बाद, थाई प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा की.

भूकंप का केंद्र 1.5 मिलियन की आबादी वाले देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से केवल 20 किलोमीटर दूर था.

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