कच्छ, 17 सितंबर . भारतीय सेना ने सैन्य-नागरिक संलयन की पहल के तहत कच्छ जिले के जिलाधिकारी आनंद पटेल के नेतृत्व में जिला प्रशासन के अधिकारियों के लिए कच्छ के रण में एक खास सीमा भ्रमण का आयोजन किया. इस भ्रमण का मकसद सशस्त्र बलों के कामकाज का सीधा अनुभव देना और सीमा पर नागरिक प्रशासन व सुरक्षा बलों के बीच सहयोग को मजबूत करना था.
भ्रमण की शुरुआत रण क्षेत्र की गतिशीलता पर विस्तृत जानकारी से हुई. इसमें अग्रिम क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति, जलवायु और सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई. इसके बाद, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकियों और भारतीय सेना की भूमिगत रक्षात्मक संरचनाओं का दौरा कराया गया. अधिकारियों को सैनिकों की रक्षा तैयारियां, चिकित्सा सुविधाएं और कठिन हालात में उनकी क्षमता दिखाई गई.
कार्यक्रम के एक हिस्से में, प्रतिनिधिमंडल को नई पीढ़ी के हथियार, आधुनिक निगरानी प्रणालियां और खास वाहन दिखाए गए. इनका इस्तेमाल सेना के आधुनिकीकरण और परिचालन प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. इस दौरान, सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सेना और बीएसएफ द्वारा अपनाई जा रही तकनीकी प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया.
भ्रमण का समापन बीएसएफ युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह से हुआ. इस दौरान शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई, जो राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर गए. यह समारोह सैनिकों के साहस और समर्पण की याद दिलाता है.
यह पहल कच्छ के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य-नागरिक संलयन के महत्व को उजागर करती है. इसका लक्ष्य आपसी विश्वास बढ़ाना, तालमेल मजबूत करना और सुरक्षा व विकास के लिए एकजुट दृष्टिकोण अपनाना है.
नागरिक प्रशासन और सशस्त्र बलों को एक मंच पर लाकर इस भ्रमण ने सीमा सुरक्षा के लिए सामूहिक संकल्प को बल दिया. साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में सामाजिक-आर्थिक प्रगति के रास्ते भी खोले गए.
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एसएचके/डीएससी