नई दिल्ली, 13 जून . कारगिल युद्ध की विजय और युद्ध में वीरगति प्राप्त करने वाले शूरवीरों की याद में सेना के जवानों ने तोलोलिंग चोटी तक पैदल चढ़ाई की है. साल 1999 के कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए जांबाज सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तोलोलिंग चोटी तक यह स्मृति अभियान आयोजित किया गया.
यह अभियान जम्मू-कश्मीर के द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक से रवाना हुआ था. इस दौरान उन वीरों की अमर गाथा को सम्मानित किया गया, जो दुश्मन से इन रणनीतिक चोटियों को फिर से प्राप्त कर युद्ध में निर्णायक मोड़ लाए.
भारतीय सेना की ‘फॉरएवर इन ऑपरेशंस डिवीजन’ ने तोलोलिंग चोटी पर यह विशेष अभियान चलाया. खास बात यह भी रही कि इस अभियान में कारगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग की लड़ाई में भाग ले चुके सैनिक भी शामिल हुए. विभिन्न सैन्य इकाइयों के 30 वीर सैनिकों की एक टीम ने इसमें भाग लिया.
उन्होंने तोलोलिंग चोटी पर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया और ‘ऑपरेशन विजय’ के शहीदों को नमन किया.
कारगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग में जबरदस्त युद्ध हुआ था. इस युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने अदम्य साहस दिखाया और दुश्मन को मार गिराया था. शहीदों को श्रद्धांजलि देने के अभियान में भारतीय वायुसेना भी हिस्सा बनी है. भारतीय वायुसेना ने इस अभियान में पूर्ण सहयोग प्रदान किया. वायुसेना के कई अधिकारी और एयरमैन इस अभियान में शामिल हुए.
यह अभियान भारतीय सशस्त्र बलों में मौजूद आपसी तालमेल और संयुक्तता की भावना को भी दर्शाता है. यह अभियान न केवल एक साहसिक यात्रा भर है, बल्कि यह एक स्मृति, श्रद्धा और प्रेरणा की यात्रा है. जैसे-जैसे देश कारगिल विजय की 26वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा है, सेना विभिन्न माध्यमों से कारगिल के शहीदों को याद कर रही है.
सेना के प्रयास आने वाली पीढ़ियों को भारतीय सैनिकों की वीरता, देशभक्ति और बलिदान की कहानियों से प्रेरित करते हैं.
साल 1999 में कारगिल की ऊंची और खतरनाक चोटियों पर पाकिस्तान से जबरदस्त लड़ाई लड़ी गई थी. देश की सीमा में इन चोटियों पर घुस आए पाकिस्तानी घुसपैठियों व सेना को भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए खदेड़ा था. कारगिल में मिली इस जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष विजय दिवस से पहले भारतीय सेना भारत के वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए ऐसे अभियान चला रही है.
–
जीसीबी/एबीएम/डीएससी