माइक्रोटनलिंग : भारत ने पाइपलाइन के इतिहास में नए मानक किए स्थापित : हरदीप पुरी

New Delhi, 4 अगस्त . केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Monday को कहा कि असम में बहने वाली बेकी नदी में माइक्रोटनलिंग के जरिए महज 28 दिनों में पाइपलाइन बिछाई गई.

उन्होंने बताया कि यह काम एक उत्कृष्ट तकनीक के साथ बिना किसी खुदाई और नदी के सतह पर बिना किसी नुकसान के केवल सटीकता के साथ पूरा किया गया और भविष्य के लिए इंजीनियरिंग के एक मिसाल पेश हुई.

केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, “असम में बहने वाली बेकी एक शक्तिशाली लेकिन बाढ़ग्रस्त नदी के नीचे भारत की सबसे पुरानी क्रॉस कंट्री पाइपलाइन गुजरती है. 1964 में कमिशन की गई 434 किलोमीटर लंबी ऊर्जा रेखा वर्षों से पूर्वोत्तर भारत के विकास की धड़कन बनी है, लेकिन समय के साथ ऊर्जा के इस अविरल बहाव को जारी रखने के लिए इस जीवनरेखा को नया जीवन देना जरूरी हो गया. हालांकि, पाइपलाइन बिछाने की पारंपरिक तकनीकें जैसे ओपन कट, एचडीडी, सस्पेंशन आजमाई गईं, लेकिन इस संवेदनशील पारिस्थितिक नदी तल में कोई भी पारंपरिक समाधान काम न आया.”

उन्होंने आगे जानकारी दी कि तभी एक उत्कृष्ट तकनीक ‘माइक्रोटनलिंग’ उपयुक्त समाधान के रूप में उभरी, जिसमें बिना किसी खुदाई और सतह पर किसी तरह के नुकसान के केवल सटीकता के साथ गहराई में और नदी के नीचे काम हुआ.

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, “हौसले और इनोवेशन के साथ असंभव को संभव बनाया गया. इस काम के लिए दुनिया की सबसे उन्नत माइक्रो टनलिंग मशीनों में से एक ‘हेर्रेंक्नेच्ट एवीएन 1600 एमटीबीएम’ तैनात की गई. इस मशीन ने वर्षों के कार्य को रिकॉर्ड 28 दिन में पूरा किया, जिससे यह प्रोजेक्ट भविष्य के लिए एक इंजीनियरिंग की मिसाल बन गया और पाइपलाइन इतिहास में एक नया मानक स्थापित हो गया.”

इससे पहले Sunday को उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2015 से भारत में कार्यरत अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) कंपनियों ने 172 हाइड्रोकार्बन क्षेत्र खोजे हैं, जिनमें 62 अपतटीय क्षेत्रों में हैं.

एसकेटी/