Thursday , 30 March 2023

उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर कानून मंत्री को सौंपा ज्ञापन

उदयपुर (Udaipur) . उदयपुर (Udaipur) में चल रहे राजस्थान (Rajasthan) उच्च न्यायालय की खंडपीठ की मांग को लेकर  मेवाड़ वागड़ हाईकोर्ट बैंक (Bank) संघर्ष समिति एवं बार एसोसिएशन ने आज उदयपुर (Udaipur) प्रवास पर आए केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू को उदयपुर (Udaipur) में हाई कोर्ट बेंच की खंडपीठ स्थापित कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सुपुर्द किया . तथा इस मांग के विभिन्न तथ्यों को वरीयता के आधार पर रखने के लिए दिल्ली प्रवास पर मिलने का समय मांगा.
मेवाड़ वागड़ हाई कोर्ट बेंच संघर्ष समिति के मीडिया (Media) समन्वयक हरीश पालीवाल ने बताया कि मेवाड़ वागड़ हाई कोर्ट बेंच संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना के नेतृत्व में संघर्ष समिति के महासचिव रामकृपा शर्मा पूर्व महासचिव अरुण व्यास पूर्व संयोजक शांतिलाल चपलोत, बार काउंसिल के को चेयरमैन राव रतन सिंह बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा महासचिव शिव कुमार उपाध्याय, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शंभू सिंह राठौड़ महेंद्र नागदा प्रवीण खंडेलवाल, मनीष शर्मा भरत वैष्णव ऋषभ जैन, चेतन पुरी गोस्वामी, मीडिया (Media) समन्वयक हरीश पालीवाल विधि प्रकोष्ठ देहात जिला अध्यक्ष विजय ओस्तवाल प्रदेश सह संयोजक  अशोक सिंघवी महामंत्री वंदना उदावत हेमंत जोशी सहित कई अधिवक्ताओं ने कानून मंत्री किरण रिजिजू राज्य मंत्री एसपी बघेल  को दिए ज्ञापन में केंद्र सरकार (Central Government)एवं राष्ट्रपति के विशेषाधिकार से आदिवासी बहुल क्षेत्र उदयपुर (Udaipur) में शीघ्र हाई कोर्ट बेंच की स्थापना कराने की मांग की.
 प्रतिनिधि मंडल में शामिल अधिवक्ताओं ने तथा संयोजक रमेश नंदवाना ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उदयपुर (Udaipur) संभाग सघन आदिवासी क्षेत्र से आच्छादित है तथा यह संविधान की सूची 5 के अंतर्गत हाई कोर्ट बेंच के लिए एकदम उपयुक्त है. ऐसे में राज्य सरकार (State government) की अनुशंसा के बिना भी राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह सघन आदिवासी क्षेत्र में अनुसूची 5 के तहत गरीब जनता को सस्ता सुलभ न्याय दिलाने के लिए हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की अनुशंसा कर सकते हैं. केंद्रीय मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से ज्ञापन लेने के बाद शीघ्र इस दिशा में सकारात्मक प्रयास करने का आश्वासन दिया.
संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना ने बताया कि राजस्थान (Rajasthan) उच्च न्यायालय की बेंच नहीं होने के कारण इस क्षेत्र में और इस संभाग मैं शामिल जिलों के विचाराधीन प्रकरणों की संख्या राजस्थान (Rajasthan) उच्च न्यायालय में बहुत है और उनकी सुनवाई अपीलों की सुनवाई में लगभग 25 से 30 वर्ष का समय व्यतीत हो रहा है जिसे नाका विकेंद्रीकरण और पक्ष कारों को सत्ता सुलभ न्याय नहीं मिल पा रहा है. नंदवाना ने न्याय मंत्री को बताया कि हाईकोर्ट में  डिजिटलाइजेशन हो जाने के बाद भी पेंडेंसी कम नहीं हो पाएगी क्योंकि संसाधन कम होने से और न्यायिक अधिकारियों की संख्या भी कम होने से सुनवाई में वही समय लग पाएगा इसलिए पृथक से हर हाई कोर्ट बेंच होने पर सारा इंफ्रास्ट्रक्चर और संरचनात्मक ढांचा अलग से होने पर ही आदिवासी क्षेत्र के लोगों को न्याय मिल पाएगा. न्याय मंत्री ने वस्तुस्थिति को पृथक से समझने के लिए प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली आकर मिलने का न्योता दिया

प्रतिनिधिमंडल में शामिल संघर्ष समिति के महासचिव रामकृपा शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से इस बाबत दिल्ली प्रवास पर विस्तार से चर्चा करने का समय मांगा जिस पर किरण रिजिजू दिल्ली आने का आमंत्रण दिया.

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