नई दिल्ली, 29 सितंबर . इजरायली सेना की गई बमबारी में हिजबुल्ला प्रमुख नसरल्ला की मौत के बाद भारत में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दुख प्रकट किया . मुफ्ती ने नसरल्लाह को शहीद बताते हुए अपनी चुनावी रैली को भी रद्द कर दिया. इसे लेकर सियासत गरमा गई है.
पीडीपी प्रमुख के इस कदम पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि, कठुआ में हमारा एक जवान शहीद हो गया, लेकिन महबूबा मुफ्ती को इसकी कोई चिंता नहीं है. सच तो यह है कि चाहे पीडीपी हो, नेशनल कॉन्फ्रेंस हो या कांग्रेस, ये सभी वोट बैंक की राजनीति में लगे रहते हैं. यह मुझे बाटला हाउस मुठभेड़ पर सोनिया गांधी के रोने और हाल ही में बुरहान वानी की मौत पर महबूबा मुफ्ती के आंसू की याद दिलाता है. वे सभी वोटबैंक की राजनीति पर केंद्रित हैं. महबूबा मुफ्ती विदेश में एक आतंकवादी के साथ हुई घटना का हवाला देकर चुनाव प्रचार का बहिष्कार कर रही हैं. ये लोग देश से ज्यादा आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं.
उन्होंने कहा कि, पीडीपी कार्यकर्ता, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य और कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित कुछ शरारती तत्व हालात को बिगाड़ने में लगे हैं. लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे.
उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी को समाज और देश से जुड़ने का अवसर मिला. मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोग न सिर्फ प्रधानमंत्री की बात सुनते हैं, बल्कि उन्हें सुझाव भी देते हैं. पीएम मोदी इस कार्यक्रम में उनके साथ जुड़ते हैं और उनसे संवाद करते हैं, ऐसा प्रयोग किसी अन्य देश में नहीं किया गया है.
वहीं भाजपा के दूसरे प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि, भारत का जवान हमारी सीमा की रक्षा करते हुए जब शहीद होता है तब तो महबूबा मुफ्ती को दुख नहीं होता, तब वह शोक नहीं मनाती हैं, तब उनका प्रचार अभियान चलता रहता है और हिजबुल्ला प्रमुख के मारे जाने पर उनको बहुत दुख हो रहा है. भारत तो चाहता है कि इजरायल, गाजा, लेबनान में युद्ध विराम हो, शांति हो, यूक्रेन, रसिया में शांति हो, लेकिन महबूबा मुफ्ती चुनावी राजनीति को देखते हुए इस तरह का शोक मना रही हैं.
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एकेएस/