श्रीनगर ग्रेनेड हमले की महबूबा मुफ्ती ने की निंदा

श्रीनगर, 3 नवंबर . जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में रविवार को हुए ग्रेनेड हमले में 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों को श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

यह धमाका श्रीनगर में टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर के पास ‘संडे मार्केट’ में हुआ. विस्फोट से इलाके में दहशत फैल गई और दुकानदार छिपने के लिए इधर-उधर भागने लगे.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस हमले की निंदा की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा, “आज श्रीनगर में हुए जघन्य ग्रेनेड हमले की निंदा करती हूं. हिंसा के ऐसे कृत्य निंदनीय हैं और केवल भय तथा घृणा के चक्र को कायम रखने का काम करते हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं.”

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा करते हुए एक्स पर लिखा, “पिछले कुछ दिनों से घाटी के कुछ हिस्सों में हमलों और मुठभेड़ों की खबरें सुर्खियों में हैं. श्रीनगर के ‘रविवार बाजार’ में निर्दोष दुकानदारों पर ग्रेनेड हमले की आज की खबर बेहद परेशान करने वाली है. निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता. सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द हमलों की इस लहर को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए ताकि लोग बिना किसी डर के अपना जीवन जी सकें.”

जिस स्थान पर ग्रेनेड विस्फोट हुआ, वहां हर रविवार को गर्म कपड़े, कंबल, जैकेट, बर्तन, क्रॉकरी, जूते आदि बेचने वाले फेरीवाले दुकान लगाते हैं. वहां खरीददारों की भीड़ लगी रहती है क्योंकि सप्ताहांत की छुट्टी के कारण स्थायी दुकानें बंद रहती हैं.

एक अधिकारी ने बताया, “ग्रेनेड निशाने से चूक गया और सड़क पर फट गया. इसमें 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और तलाशी के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.”

इससे पहले शनिवार को श्रीनगर शहर के खानयार इलाके में छिपे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को हुई मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया था. ऑपरेशन में दो सीआरपीएफ जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. शहर के बीचों-बीच हुई मुठभेड़ 10 साल से अधिक समय में इस क्षेत्र में पहली ऐसी घटना थी.

श्रीनगर कभी अलगाववाद का केंद्र था और आतंकवादी यहां खुलेआम घूमते थे. धीरे-धीरे सुरक्षा बलों ने इन इलाकों से आतंकवाद को खत्म करने में कामयाबी हासिल की.

​​ऐसा माना जाने लगा था कि सामान्य तौर पर श्रीनगर शहर, और खास तौर पर शहर के निचले इलाकों, से आतंकवाद का सफाया हो चुका है. लेकिन पहले शनिवार का मुठभेड़ और अब रविवार को ग्रेनेड हमले से इस धारणा को धक्का लगा है.

एकेएस/एकेजे