दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की बैठक, पंजाब समेत कई राज्यों के जिलाध्यक्षों के चयन पर हुई चर्चा

New Delhi, 25 अगस्त . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में Monday को कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में पंजाब समेत अन्य राज्यों में जिला अध्यक्षों के चयन पर चर्चा हुई. प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब समेत कई राज्यों के नेताओं की बैठक हुई, जिसमें पार्टी को मजबूत करने पर जोर दिया गया.

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने से बात करते हुए कहा, “मूल एजेंडा आज ही तय हो गया था. इससे पहले, इंद्रा भवन में एक बैठक हुई थी, जहां पंजाब और देश भर के तीन-चार अन्य राज्यों में जिला अध्यक्षों के चयन पर चर्चा हुई थी. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफतौर पर कहा है कि जिस भी नेता का चयन जिलाध्यक्ष के रूप में होना चाहिए, उसकी आइडियोलॉजी कांग्रेस से प्रभावित हो. इसलिए ऐसा नेता चाहिए, जो हर वर्ग के साथ मिलकर काम कर सके. अगले डेढ़ साल में पंजाब और उत्तराखंड जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं और इसलिए हम अभी से ही तैयारी कर रहे हैं.”

कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर पंजाब सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने से बातचीत में कहा, “पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. पंजाब के बॉर्डर जिले में आतंकवादियों और गैंगस्टरों ने आतंक मचा रखा है. वहां लोगों को गोलियां मारी जा रही है और पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है. Chief Minister सिर्फ मजाक करते हैं और कानून-व्यवस्था के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं.”

कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति को लेकर State government को घेरा. उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार पूरी तरह से विफल रही है क्योंकि बाढ़ के समय उन्हें ध्यान देना चाहिए था. मैं मांग करता हूं कि पंजाब सरकार उन लोगों की मदद करे, जिनका बाढ़ के कारण नुकसान हुआ है.”

कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “भाजपा उन तमाम विषयों पर फोकस करती है जो मुद्दों से अलग होते हैं. ‘वोट चोरी’, मंहगाई और अमेरिका द्वारा देश पर लगाए जा रहे टैरिफ पर उनकी (भाजपा) नीति क्या है, यह बात स्पष्ट होनी चाहिए.”

उन्होंने कहा, “मैं गृह मंत्री से यह सवाल पूछना चाहता हूं कि अगर हम सरकार की नाकामियों, महंगाई, बेरोजगारी, उत्पीड़न, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, तो स्वाभाविक है कि सरकार हम पर मुकदमे दर्ज करेगी. मेरे खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें थाने पर छापे, तहसील पर छापे, किसी के साथ हुए अन्याय से जुड़े मुद्दे, युवाओं, किसानों और उत्पीड़न के मुद्दे शामिल हैं. कोविड-19 के दौरान जब मैं जनकल्याण के लिए 1,000 बसों के साथ यात्रा कर रहा था, तो इसी सरकार ने मुझे डेढ़ महीने तक Lucknow की जेल में रखा. इसलिए मेरी सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए थी, क्योंकि मैं उस समय विधायक था. अब, अगर कोई सरकार कोई कानून लाती है और कोई उसका विरोध करता है, तो उसे तुरंत जेल में डाल दिया जाता है.”

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