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New Delhi, 7 नवंबर . भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर बाहरी दुनिया की उलझनों में खो जाते हैं. ऐसे में ध्यान हमें अपने अंदर झांकने, मन को शांत करने और शरीर में नियंत्रण दिलाता है.
सनातन धर्म में ‘ध्यान’ एक प्राचीन परंपरा रही है, जिसे हमारे ऋषि-मुनि कर इंद्रियों पर काबू पाते थे. ध्यान मानसिक तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है. भारतीय योग और दर्शन में, ध्यान को आत्मिक उन्नति और परम शांति प्राप्त करने का एक अनिवार्य अंग माना गया है.
आयुष मंत्रालय ने ध्यान को निरंतर चिंतन और मनन की क्रिया बताया है. उनके अनुसार, इसके दैनिक अभ्यास करने से व्यक्ति नकारात्मक भावनाओं से दूर रहता है.
साथ ही भय, क्रोध, अवसाद और चिंता दूर होती है. ध्यान सकारात्मक भावनाओं को विकसित करने में मदद करता है तथा मस्तिष्क को शांत और स्थिर बनाए रखता है. इससे एकाग्रता, स्मृति, विचारों की स्पष्टता और मनोबल में वृद्धि होती है. नियमित ध्यान शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त विश्राम देकर उन्हें तरोताजा करता है.
इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक और शांत माहौल में सुखासन में बैठ जाएं. इसके बाद रीढ़, गर्दन और सिर को एक सीध में रखें, अपने दोनों आंखों को बंद करके ध्यान लगाएं. कुछ देर इसी स्थिति व मुद्रा में रहकर दिमाग को विचारों से खाली करने की कोशिश करें.
इसकी सबसे खास बात ये है कि ध्यान का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है. इसे आप किसी भी समय कर सकते हैं, हालांकि ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह का समय सबसे उत्तम माना जाता है. उस समय आस-पास का माहौल शांत रहता है, जिससे ध्यान लगाना आसान हो जाता है. इसका लाभ बच्चे, युवा, बुजुर्ग, और किसी भी उम्र वर्ग के लोग उठा सकते हैं.
शुरुआत करने वालों को सलाह है – शांत जगह चुनें, आरामदायक आसन लें, गहरी सांस लें और मन को वर्तमान पर केंद्रित करें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं. विशेषज्ञ कहते हैं कि मात्र 10-15 मिनट रोजाना ध्यान लगाने से चमत्कारिक बदलाव दिखने लगते हैं.
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एनएस/वीसी