दलितों पर बढ़ते अत्याचार पर मायावती खामोश, कांग्रेस पार्टी मजबूती से लड़ रही लड़ाई : तनुज पुनिया

Lucknow, 9 अक्टूबर . कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर योगी Government और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती पर तीखा हमला बोला है.

उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है.

तनुज पुनिया ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस प्रदेश में भाजपा की Government रही हो, वहां की कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति पर उन्हें जवाब देना चाहिए. दलितों और खासकर दलित महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं हर रोज सामने आ रही हैं. यह साफ दर्शाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है. मायावती ने जिस तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तारीफ की, उससे साफ हो गया है कि वह उनके साथ खड़ी हैं.”

उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता की लड़ाई मजबूती से लड़ रही है और आगे भी लड़ती रहेगी.

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के बिहार में Governmentी नौकरी के वादे पर तनुज पुनिया ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, “यह एक अच्छी बात है. बिहार में भाजपा गठबंधन की Government बनने जा रही है. अगर तेजस्वी यादव ने कोई घोषणा की है, तो वह सोच-समझकर की गई होगी. बिहार में परिवर्तन की लहर साफतौर पर देखने को मिल रही है.”

इस बीच, पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली ने भी मायावती की रैली और उनके बयानों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह महज संयोग है या भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कोई नया प्रयोग. एक तरफ दलित समाज से आने वाले देश के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की शर्मनाक घटना होती है, तो दूसरी तरफ रायबरेली में एक दलित युवक की मौत का मामला सामने आता है. इसके बावजूद मायावती भाजपा Government की तारीफ में कसीदे पढ़ रही हैं.”

उन्होंने मायावती के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा कि दलित समाज के हितों की रक्षा करने का दावा करने वाली बसपा अब खामोश क्यों है? कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में दलितों और वंचित वर्गों के लिए लगातार आवाज उठाती रहेगी और किसी भी अन्याय के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी. मैं उत्तर प्रदेश Government से मांग करता हूं कि दलितों पर बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और दोषियों को सख्त सजा दी जाए.

एकेएस/जीकेटी