हिंदू नेताओं को जान से मारने की धमकी देने वाला मौलाना सूरत में गिरफ्तार

सूरत, 5 मई . हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा समेत अन्य हिंदू नेताओं को पाकिस्तान, नेपाल व अन्य देशों के लोगों के साथ मिलकर जान से मारने की धमकी देने वाले मौलाना को सूरत क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया. मौलाना को कामरेज के कठोर गांव से पकड़ा गया. उसका नाम सोहेल अबुबकर बताया गया है.

सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि सूरत क्राइम ब्रांच ने एक खुफिया सूचना के आधार पर मौलाना सोहेल अबुबकर को चौक बाजार भरीमाता फूलवाड़ी स्थित आइकरा अपाॅर्टमेंट से गिरफ्तार किया. पूछताछ में मौलाना ने बताया कि वह लसकाना के डायमंड नगर में धागा काटने वाली फैक्ट्री में मैनेजर के पद पर काम करता है और मुस्लिम बच्चों को निजी तौर पर भी इस्लाम के बारे में पढ़ाता भी है.

मौलाना से शुरुआती पूछताछ में पता चला कि वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के डोगर और नेपाल के इसाम के संपर्क में था. ये दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से मौलाना से संपर्क करते थे और उसे हिंदू संगठनों के नेताओं के खिलाफ भड़काते थे.

मौलना अबूबकर ने अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड भी हासिल किया और मोबाइल फोन में व्हाट्सएप बिजनेस सक्रिय कर हिंदू नेताओं को धमकी दे रहा था. पुलिस पूछताछ में पता चला कि मौलाना ने सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा को धमकी दी. इसके अलावा हैदराबाद के हिंदू नेता राजासिंह, सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चौहान और भाजपा नेता नूपुर शर्मा की हत्या की साजिश रच रहा था.

मौलाना के मोबाइल से मिली चैट में पुलिस को पता चला है कि उपदेश राणा की हत्या के लिए पाकिस्तान से बंदूक मंगाने की तैयारी की जा रही थी. मौलाना ने इसे जल्द भेजने की मांग की थी. चैट में इस घटना को अंजाम देने के लिए किसी को एक करोड़ रुपये देने की भी बात की गई है.

पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहम्मद सोहेल दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने के इरादे से सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के राष्ट्रीय ध्वज के साथ छेड़छाड़ करता था और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अश्लील बातें करता था. उसने एक विदेशी शख्स से हथियार भी मंगवाए थे. वह पाकिस्तान, वियतनाम, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान और लाओस समेत कई देशों के लोगों के संपर्क में था.

पुलिस ने मौलाना के पास एक मोबाइल फोन बरामद किया. पुलिस जांच में यह भी पता चला है वह अपने टारगेट का नाम बदलकर बातें करता था. उसने सूरत के उपदेश को धक्कन नाम दिया था. वह धक्कन नाम से बातचीत करता था. किसी को शक न हो, इसलिए ये लोग लूडो जैसा गेम खेलने के बहाने इकट्ठा होते थे. इसमें चैटिंग का भी विकल्प होता है और फिर वारदात को अंजाम देने की चर्चा करते थेे.

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