अलीगढ़, 6 मार्च . टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों की फेहरिस्त में शुमार मोहम्मद शमी के रमजान के महीने में रोजा नहीं रखने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कई लोगों ने रमजान में रोजा नहीं रखने के लिए उन्हें निशाने पर लिया है.
मौलाना इब्राहिम चौधरी ने मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने पर कहा कि ऐसे मुसलमानों की अल्लाह को जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, “इस्लाम में अल्लाह की तरफ से रोजा, रमजान, नमाज, हज जैसे फर्ज बनाए गए हैं, जिसका अदा करना हर मुसलमान के लिए जरूरी है.”
उन्होंने कहा कि अगर कोई मुसलमान अल्लाह द्वारा निर्धारित इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके मुसलमान होने पर शक है. ऐसे लोगों को अल्लाह हरगिज पसंद नहीं करते हैं. अब चाहे वह मोहम्मद शमी हो या कोई और, अल्लाह की तरफ से जो भी नियम निर्धारित किए गए हैं, उसका पालन सभी मुसलमानों को करना होगा.
मौलाना इब्राहिम चौधरी ने कहा कि अल्लाह ने कुरान में हुक्म दिया है कि ऐ ईमान वालों, इस्लाम में पूरी तरह से दाखिल हो जाओ और कुरान से संबंधित नियमों का पालन करने में किसी भी प्रकार का गुरेज मत करो. अगर किसी भी प्रकार का गुरेज करोगे, तो उस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि अल्लाह ने कुरान में स्पष्ट कहा है कि अगर कोई मुसलमान कुरान से संबंधित नियमों का संजीदगी से पालन करेगा, तभी उसकी सफलता पक्की होगी, नहीं तो उसका जीवन अस्थिर रहेगा.
उन्होंने कहा कि कई ऐसे मुसलमान हैं, जो सिर्फ उन्हीं नियमों को मानते हैं, जिससे उन्हें फायदा पहुंचता है, या जो उनके लिए आसान होता है. वे आमतौर पर उन नियमों का पालन करने से गुरेज करते हैं, जो कठिन होते हैं.
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एसएचके/एकेजे