बिहार में गठबंधनों की तस्वीर बदलने से सीट बंटवारे को लेकर उलझा गणित

पटना, 6 मार्च . बिहार में सत्ताधारी एनडीए हो या विपक्षी महागठबंधन, लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों में गणित उलझा दिख रहा है.

भाजपा ने पिछले दिनों भले ही कई राज्यों के लोकसभा क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. लेकिन, बिहार में अब तक एक भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर सकी है. महागठबंधन में भी कमोबेश यही स्थिति है.

बताया जाता है कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद दोनों गठबंधनों की तस्वीर बदल गई है. भाजपा के नेता बताते भी हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के एनडीए में नहीं आने के पहले तक स्थितियां करीब-करीब साफ थी, लेकिन उनके एनडीए में आने के बाद स्थितियां बदल गई हैं.

एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि एनडीए में जल्द सीट बंटवारा हो जाएगा. भाजपा बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है और जिताऊ प्रत्याशी को लेकर तलाश की जा रही है, जिसमें समय लग रहा है.

उन्होंने कहा कि एक-एक सीट को लेकर मंथन किया जा रहा. हम बिहार की सभी 40 में से 40 सीट जीतेंगे.

राजद के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा था कि सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हो रही है. एनडीए से पहले हमलोग सीट शेयरिंग कर लेंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए की ओर से भाजपा और जदयू 17-17 तथा लोजपा ने 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन, इस बार एनडीए में घटक दलों की संख्या बढ़ गई है.

फिलहाल, बिहार में एनडीए में भाजपा, जदयू के अलावा लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है.

कहा जा रहा है कि भाजपा के कई सांसदों का टिकट कट सकता है. मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में चुनाव समिति की बैठक हुई थी. बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी उपस्थित थे.

बताया जा रहा है कि विनोद तावड़े ने लोकसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षकों से बात की.

बहरहाल, दोनों गठबंधनों में प्रत्याशियों की भी लंबी कतार है और घटक दलों में सीटों को लेकर दावेदारी भी अधिक है. ऐसे में देखने वाली बात होगी की किस दल को कितनी सीटें मिलती है.

एमएनपी/एबीएम