कर्नाटक के बेल्लारी में जच्चा की मौत का आंकड़ा छह हुआ, इस साल राज्य में 327 ऐसे मामले

बेल्लारी, 6 दिसंबर . कर्नाटक के बेल्लारी जिले में प्रसव के बाद जच्चा की मौत का छठा मामला सामने आया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को बताया कि इस साल राज्य में 327 जच्चाओं की मृत्यु की सूचना मिली है.

बेल्लारी जिले में प्रसव के बाद एक और महिला की मौत के बाद शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए मंत्री राव ने कहा कि सभी मामलों की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं. ऐसे मामलों में सहनशीलता नहीं होनी चाहिए. सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करने की जरूरत है. दवा कंपनियां कानून की शरण ले रही हैं. दोषी पाए जाने पर कानून उन्हें दंडित करने में विफल रहा है.

मंत्री राव ने कहा कि अगर उनके इस्तीफे से सब ठीक हो जाता है तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने प्रसव के बाद महिलाओं की मौत के मुद्दे पर बहुत गंभीरता से विचार किया है.

उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को विपक्ष से सहयोग की आवश्यकता है. यह मामला लोगों के जीवन से जुड़ा है. इस तरह के मामलों में दोषियों को सजा दी जानी चाहिए. अगर मेरे इस्तीफे से सब कुछ ठीक हो जाता है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. इस मामले में मेरी प्रतिष्ठा को कोई खतरा नहीं है. अगर मैंने कोई गलती की है, तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं.

मंत्री ने बताया, “बेल्लारी में कुल नौ महिलाएं प्रसव के बाद बीमार हो गईं. पांचवीं महिला का इलाज चल रहा था और उसकी भी मौत हो गई. उसे भी वही आईवी फ्लूइड दिया गया था और हम कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर रहे हैं. डॉक्टरों ने कहा है कि छठी मृतक महिला सुमाया अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं से पीड़ित थी और ठीक हो रही थी.”

मंत्री राव ने कहा कि गुरुवार को उसे फिर से जटिलताओं का सामना करना पड़ा और उसकी मौत हो गई.

उन्होंने दोहराया कि भाजपा लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराए. अगर मेरे इस्तीफे से मामला ठीक हो जाता है, तो मैं तैयार हूं. इस तरह के मामलों में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.

बेल्लारी जिले में प्रसव के बाद एक और महिला की मौत के बाद कर्नाटक कांग्रेस सरकार पर दबाव बढ़ रहा है. सिजेरियन प्रसव करवाने वाली जच्चाओं की मौत का आंकड़ा छह तक पहुंच गया है.

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने घटना पर दुख जताते हुए शुक्रवार को कहा कि लोगों को इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और इसका विरोध करना चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा पहले ही कर दी है. हम रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आगे कोई मौत न हो.

उन्होंने इसमें शामिल दवा कंपनी के बारे में भी चिंता जताते हुए कहा कि दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी की भूमिका संदेह के घेरे में है.

व्यवस्थागत मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सा आपूर्ति और खरीद के प्रभारी अधिकारियों को अक्सर चार से छह महीने के भीतर स्थानांतरित कर दिया जाता है. इन भूमिकाओं के लिए ईमानदार और सक्षम अधिकारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए.

सरकार ने राज्य औषधि नियंत्रक को निलंबित करके और आईवी फ्लूइड की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार पश्चिम बंगाल स्थित कंपनी पर मुकदमा चलाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. कंपनी के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया गया है और इसके परिसर और संयंत्रों का निरीक्षण किया गया है. कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए सभी उत्पादों का उपयोग रोक दिया गया है.

मंत्री ने बताया कि आईवी फ्लूइड से संबंधित रिपोर्टों में विसंगति प्रतीत होती है. राज्य की प्रयोगशाला ने आईवी फ्लूइड को असुरक्षित बताया, जबकि केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला ने इसे सुरक्षित माना. हमने इन रिपोर्टों की विश्वसनीयता के बारे में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया को लिखा है और कानूनी कार्रवाई का अनुरोध किया है.

सुमाया 10 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुई थी और 12 नवंबर को सर्जरी के बाद उसे आईवी फ्लूइड दिए गए, जिसके बाद उसे गुर्दे की समस्या हो गई और फिर अंततः कई अंग खराब हो गए. इसके बाद उसका डायलिसिस चल रहा था, लेकिन 5 दिसंबर को उसकी मृत्यु हो गई.

सुमाया से पहले बेल्लारी जिले में प्रसव के बाद की जटिलताओं के कारण रोजम्मा, नंदिनी, मुस्कान, महालक्ष्मी और ललितम्मा की भी मृत्यु हो गई थी. इन घटनाओं ने पूरे राज्य में व्यापक चिंता और आक्रोश पैदा किया है.

पीएसके/एकेजे