इस्लामाबाद, 26 फरवरी . पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा ने सोमवार को पीएमएल-एन की मरियम नवाज को प्रांत और पाकिस्तान की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में चुना. यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों में दी गई.
मरियम ने स्पष्ट किया, “यह स्वाभाविक है कि जब लोग मेरी तरह उत्पीड़न का शिकार होते हैं, तो वे नफरत पालते हैं. मैं आज कहना चाहती हूं कि मैं बदला लेना नहीं चाहती, न ही मेरे मन में किसी के लिए नफरत है.”
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मरियम ने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के प्रतिद्वंद्वी राणा आफताब अहमद खान के खिलाफ 220 वोटों से भारी जीत हासिल की.
अपने डेढ़ घंटे लंबे विजय भाषण में मरियम ने कहा कि वह विपक्ष के बहिष्कार से परेशान थीं. इस दौरान उन्होंने अपनी दिवंगत मां कुलसुम की तस्वीर पकड़ रखी थी.
उन्होंने कहा, “काश, आज विपक्ष के नेता राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा होते.”
मरियम ने कहा, “अगर आज विपक्ष मौजूद होता और उन्होंने मेरे भाषण के दौरान विरोध किया होता तो मुझे खुशी होती.”
उन्होंने कई अदालती मामलों, अपने पिता की कैद और अपनी मां की मौत का हवाला देते हुए कहा, “उन्हें ऐसे संघर्ष में डालने के लिए, जिसकी कोई तुलना नहीं है, विपक्ष को धन्यवाद.”
मरियम ने कहा, “मैं विपक्ष को एक संदेश देना चाहती हूं : मेरे कक्ष और दिल के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले रहेंगे, जैसे मेरी पार्टी के सदस्यों के लिए हैं.”
शुरुआत में, एसआईसी – जो अब आम चुनाव जीतने वाले पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों का घर है – ने इस पद के लिए लाहौर से एमपीए-निर्वाचित मियां असलम इकबाल को नामित किया था.
हालांकि, बाद में उनकी जगह फैसलाबाद के पूर्व पीपीपी जियाला के आफताब को ले लिया गया, क्योंकि इकबाल पंजाब पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी के डर से एमपीए के रूप में शपथ लेने के लिए सदन में नहीं आए थे.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को विधानसभा सत्र से पहले मरियम अपनी मां की कब्र पर गईं, उसके बाद पंजाब विधानसभा पहुंचीं.
सत्र जो सुबह 11 बजे बुलाई जानी थी, निर्धारित समय से लगभग दो घंटे देरी से शुरू हुआ, क्योंकि एसआईसी ने आरोप लगाया कि उसके सांसदों को विधानसभा परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. दोपहर एक बजे 103 एसआईसी सांसदों ने वाकआउट किया.
इसके बाद स्पीकर मलिक अहमद खान ने घोषणा की कि सत्र एसआईसी सदस्यों की गैरहाजिरी में जारी रहेगा और सदन में मौजूद एमपीए को गलियारे के विपरीत किनारों पर इकट्ठा होने का संकेत दिया, जिसके बाद मतदान हुआ.
प्रक्रिया पूरी होने पर परिणाम घोषित किए गए और मरियम को पंजाब की 30वीं मुख्यमंत्री और देश के सबसे बड़े प्रांत पर शासन करने वाली पहली महिला घोषित किया गया.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव के बाद मरियम ने अपने पिता नवाज शरीफ और चाचा शहबाज शरीफ के साथ गवर्नर हाउस में एक समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
उन्होंने स्पष्ट किया, “यह स्वाभाविक है कि जब लोग मेरे जैसे उत्पीड़न का शिकार होते हैं, तो वे नफरत पालते हैं. मैं आज कहना चाहती हूं कि मैं बदला नहीं लेना चाहती, न ही मेरे मन में किसी के लिए नफरत है.”
मरियम ने आगे बताया कि आज उनके चुनाव से इतिहास बन गया और उन्होंने इस जीत को देश की सभी महिलाओं को समर्पित किया.
उन्होंने कहा, “यह एक प्रमाण है कि एक महिला (या) बेटी होना आपके सपनों के रास्ते में नहीं आएगी.”
मरियम ने अपने पिता, पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ को उनके “हाथ मिलाने” और अमूल्य सलाह देने के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने जोर दिया और आगे बढ़ने की कसम खाई, “मुझे आज उसी सीट पर होने पर बहुत गर्व है जहां नवाज शरीफ जैसे दूरदर्शी व्यक्ति बैठे थे, जो 250 मिलियन पाकिस्तानियों के बीच तीन बार प्रधान मंत्री का पद संभालने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं.” पीएमएल-एन की विरासत.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान पीएमएल-एन का मुख्य उद्देश्य रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा का प्रावधान होगा.
उन्होंने कहा, “मैं एक संपन्न घर में पैदा हुई, लेकिन मुझे आम लोगों से सीधे संवाद करने का मौका मिला और मैं उनकी समस्याओं से वाकिफ हूं. मैं जानती हूं कि उन्हें सरकार से क्या उम्मीदें हैं.”
उन्होंने कहा, “इसलिए, शपथ के बाद आज से मैं अपने दफ्तर जाऊंगी और अपने घोषणापत्र काे लागू करना शुरू करूंगी.”
उन्होंने कहा, “मैं जानती हूं कि 24 घंटे काफी नहीं हैं. पांच साल भी बहुत कम हैं, इसलिए कल से नहीं, बल्कि आज ही शपथ लेने के बाद मैं दफ्तर पहुंचते ही अपने घोषणापत्र पर काम करूंगी.”
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने प्रांत के लिए रमजान राहत पैकेज, निघेबन की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा कि इसमें 65 से 70 लाख रुपये की आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं, जिन्हें रमजान के दौरान जनता को वितरित किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “पैकेज उनके दरवाजे पर पहुंचाया जाएगा.”
मरियम ने कहा कि रियायती दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने वाले बाजार भी स्थापित किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यवसायियों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाकर पंजाब को “आर्थिक केंद्र” में बदलने की योजना बनाई है.
उन्होंने कहा कि सरकार का काम नीतियां और नियम बनाना है, उन्होंने कहा कि उनकी सार्वजनिक-निजी भागीदारी बढ़ाने की योजना है.
मरियम ने कहा कि आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के लिए “प्रोत्साहन जरूरी था”.
उन्होंने आगे कहा कि आज से पूरे प्रांत के हर सरकारी अस्पताल में मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
उन्होंने पंजाब के हर शहर में एक अत्याधुनिक अस्पताल बनाने की कसम खाई.
मरियम ने यह भी कहा कि लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए अगले 12 सप्ताह के भीतर पंजाब की पहली एयर एम्बुलेंस चलाने की घोषणा की जाएगी.
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एसजीके/