‘मारुति सुजुकी’ ने नई परियोजनाओं के साथ अपनी सौर क्षमता को 30एमडब्ल्यूपी तक बढ़ाने की घोषणा की

नई दिल्ली, 4 जून . मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को अपने परिचालन में रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल में बढ़ोतरी की प्रतिबद्धता के तहत दो नई परियोजनाओं के साथ सौर क्षमता को 30 मेगावाट-पीक (एमडब्ल्यूपी) तक बढ़ाने की घोषणा की.

ऑटोमेकर ने हरियाणा के खरखौदा में अपनी नई सुविधा में 20मेगावाट-पीक का सोलर पावर प्रोजेक्ट शुरू किया और अपनी मानेसर सुविधा में 10मेगावाट-पीक की अतिरिक्त सोलर कैपेसिटी जोड़ी है.

इस एडिशन के साथ पिछले एक साल में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की सभी लोकेशन पर कुल सौर क्षमता 49मेगावाट-पीक से बढ़कर 79मेगावाट-पीक हो गई है.

वित्त वर्ष 2030-31 तक मारुति सुजुकी की योजना 925 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से 319 मेगावाट-पीक की सोलर कैपेसिटी तक पहुंचने की है.

कंपनी ने कहा कि वह अपनी खपत के लिए स्टेट पावर बोर्ड्स से ग्रीन पावर की हिस्सेदारी बढ़ा रही है. सोलर पावर और ग्रीन पावर में यह पहल कंपनी को रिन्यूएबल एनर्जी की ओर उसकी निर्भरता को शिफ्ट करने में मदद करेगी.

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी टेकाउची ने कहा, “हमारी पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के एनवायरमेंट विजन 2050 और भारत सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, हम अपने परिचालन में रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल को व्यवस्थित रूप से बढ़ा रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हम उत्पादन को चार मिलियन यूनिट तक बढ़ाने के साथ, इस वृद्धि को समान रूप से सस्टेनेबल एनर्जी प्रैक्टिस के साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

यह सौर ऊर्जा विस्तार एक स्वच्छ और बेहतर सस्टेनेबल एनर्जी इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कि पर्यावरण में सकारात्मक योगदान देता है.”

निरंतर प्रयासों के माध्यम से कुल बिजली खपत में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2030-31 तक लगभग 85 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है.

मारुति सुजुकी इंडिया अपनी सभी सुविधाओं में सक्रिय रूप से ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस में बदलाव कर रही है.

मई में चार पहिया वाहन कैटेगरी में मारुति की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

एसकेटी/एबीएस