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कांगड़ा, 23 नवंबर . Himachal Pradesh के कांगड़ा जिले के शहीद विंग कमांडर नमांश स्याल का Sunday को उनके पैतृक गांव पटियालकड़ में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. दोपहर को उनका पार्थिव शरीर गग्गल हवाई अड्डे से गांव लाया गया. जैसे ही पार्थिव देह गांव की ओर रवाना हुई, रास्ते भर लोग सड़क किनारे खड़े होकर अंतिम दर्शन करते रहे. हर किसी की आंखों में नमी थी और माहौल बेहद गमगीन था.
नमांश स्याल के निधन की खबर ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. सिर्फ उनका गांव ही नहीं, बल्कि पूरा हिमाचल दुख में डूबा हुआ है. गांव में जब उनका पार्थिव शरीर पहुंचा, तो इतनी भीड़ उमड़ आई कि हर कोई बस उन्हें एक आखिरी बार देखने को आतुर था. सेना के जवानों ने पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. इस दौरान नमांश के छोटे बेटे निशांत ने मुखाग्नि दी, जिसे देखकर हर किसी का दिल भर आया.
शहीद के पिता ने दुख भरी आवाज में कहा कि उन्होंने सिर्फ अपना बेटा ही नहीं खोया, बल्कि देश ने भी एक बहादुर जवान खो दिया है. उन्होंने बताया कि नमांश बेहद होनहार और काबिल पायलट थे. वह देश के सिर्फ चार एयरोबेटिक पायलटों में से एक थे, जो अपने आप में बहुत गौरव की बात है.
पिता ने कहा कि उसके जाने से ऐसा खालीपन आया है जिसे भर पाना मुश्किल है. देश ने एक प्रतिभावान अधिकारी खोया है और परिवार ने अपना आधार.
अंतिम संस्कार के दौरान उनकी पत्नी, बेटी और मां भी मौजूद थीं. मां का रो-रोकर बुरा हाल था, जिन्हें संभालने की कोशिश गांव की महिलाएं करती रहीं. पूरा माहौल शोक से भरा हुआ था. परिवार के दर्द को देखकर हर किसी का दिल पसीज उठा.
इस दौरान प्रदेश Government के मंत्री यादविंदर गोमा और स्थानीय विधायक आरएस. बाली भी पहुंचे. उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि दी और परिवार को ढाढस बंधाया. गांव वालों ने भी नमांश स्याल की बहादुरी और सादगी को याद किया.
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पीआईएम/एबीएम