मार्केट आउटलुक: आरबीआई एमपीसी, महंगाई दर, टैरिफ और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से तय होगा बाजार का रुझान

मुंबई, 6 अप्रैल . भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है. आरबीआई एमपीसी, खुदरा महंगाई दर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के लेकर नई अपडेट और वैश्विक आर्थिक आंकड़े बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक चलेगी और आखिरी दिन एमपीसी के फैसलों का ऐलान आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा किया जाएगा. माना जा रहा है कि अगली एमपीसी बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की जा सकती है.

इसके अलावा, सरकार द्वारा मार्च की खुदरा महंगाई दर और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े 11 अप्रैल को जारी किए जा सकते हैं.

अगले हफ्ते, वैश्विक स्तर पर भी अहम आंकड़े आने वाले हैं, जिसमें यूएस फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के मिनट्स, यूएस सीपीआई डेटा और यूके का जीडीपी डेटा शामिल हैं.

भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता उतार-चढ़ाव भरा रहा. इस दौरान सेंसेक्स 2.65 प्रतिशत गिरकर 75,364.69 और निफ्टी 2.61 प्रतिशत गिरकर 22,904.45 पर था.

1-4 मार्च के बीच हुई गिरावट में आईटी और मेटल शेयरों में क्रमश: 9.15 प्रतिशत और 7.46 प्रतिशत की बड़ी बिकवाली देखी गई. केवल एफएमसीजी इंडेक्स ही 0.45 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ है.

गिरावट की वजह खराब वैश्विक संकेत और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय सामानों पर 27 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने को माना जा रहा है.

समीक्षा अवधि में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने कैश सेगमेंट में 13,730 करोड़ रुपये की बिकवाली की. घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,632 करोड़ रुपये की खरीदारी की.

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया का कहना है कि वैश्विक ट्रे़ड वार के चलते निफ्टी अपने दो हफ्तों के निचले स्तर पर आ गया है. ऐसे में निफ्टी के लिए 22,300 और 22,000 मजबूत सपोर्ट लेवल होंगे. तेजी की स्थिति में 22,800 एक रुकावट का जोन होगा.

एबीएस/