मुंबई, 13 अप्रैल . पिछले कारोबारी हफ्ते में देश की शीर्ष 10 में 5 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 84,559.01 करोड़ रुपये हो गया है. इसमें सबसे अधिक फायदा हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) को हुआ है और इस दौरान कंपनी के मार्केट कैप में 28,000 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ है.
7-11 अप्रैल तक के कारोबारी सत्र में वैश्विक अस्थिरता के कारण शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. सेंसेक्स में 207.43 अंक या 0.27 प्रतिशत और निफ्टी में 75.9 अंक या 0.33 प्रतिशत की गिरावट हुई.
हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 28,700 करोड़ रुपये बढ़कर 5,56,054.27 करोड़ रुपये हो गया है.
आईटीसी का बाजार मूल्यांकन 15,329.79 करोड़ रुपये बढ़कर 5,27,845.57 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि बजाज फाइनेंस का मार्केट कैप 12,760.23 करोड़ रुपये बढ़कर 5,53,348.28 करोड़ रुपये हो गया.
भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन 8,011.46 करोड़ रुपये बढ़कर 10,02,030.97 करोड़ रुपये हो गया.
दूसरी तरफ, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के बाजार मूल्यांकन में गिरावट हुई है.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बाजार पूंजीकरण में 24,295.46 करोड़ रुपये की गिरावट आई, जिससे इसका मार्केटकैप कम होकर 11,69,474.43 करोड़ रुपये रह गया.
इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 17,319.11 करोड़ रुपये कम होकर 5,85,859.34 करोड़ रुपये हो गया है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मार्केटकैप में 12,271.36 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक के मार्केट कैप में 8,913.09 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक के मार्केटकैप में 7,958.31 करोड़ रुपये की कमी आई है.
जानकारों के मुताबिक, भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है. तिमाही नतीजे, खदुरा एवं थोक महंगाई के आंकड़े, अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर नया अपडेट और वैश्विक स्तर पर जारी आने वाले डेटा का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है.
अगले हफ्ते इरडा, एचडीएफसी लाइफ, इन्फोसिस, टाटा इलेक्सी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसी कंपनियों की ओर से वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए जाएंगे.
इसके अतिरिक्त, थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़े भी अगले हफ्ते जारी किए जा सकते हैं.
वैश्विक स्तर पर अमेरिका की ओर से इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और जॉबलेस क्लेम जैसे अहम डेटा जारी किए जाएंगे. वहीं, चीन द्वारा 2025 की पहली तिमाही का जीडीपी डेटा जारी किया जा सकता है. अगर यह डेटा मजबूत होता है, तो वैश्विक बाजारों पर इसका सकारात्मक असर हो सकता है.