छत्रपति संभाजीनगर, 3 सितंबर . मराठा आरक्षण के मुद्दे पर Mumbai के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन कालीन अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन तोड़ दिया. इस वक्त वे छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मराठा समाज को जीत मिल गई.
मनोज जरांगे पाटिल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कई सालों से मराठा आरक्षण की लड़ाई चल रही थी, लेकिन अब मराठा समुदाय ने जीत हासिल कर ली है. सरकार की ओर से जो निर्णय लिए गए हैं, उसके पीछे पूरे मराठा समाज का संघर्ष है. मैं सिर्फ नाम के लिए खड़ा था, लेकिन यह जीत पूरे समाज की है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के सभी मराठाओं को आरक्षण मिलेगा, इसमें कोई शक नहीं है. जिनका नाम गैजेट में दर्ज नहीं है, उन्हें आरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा. उनके लिए भी सरकार से प्रयास किए जाएंगे.
मनोज जरांगे ने कहा कि देश को आजादी मिले 75 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक मराठाओं को न्याय नहीं मिला था. हैदराबाद गैजेट में साफ लिखा है कि कुणबी यानी मराठा ही है.
Mumbai में आंदोलन कर रहे मराठाओं पर दर्ज मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की है. जब उनसे बातचीत हुई थी, तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मामले और चालान वापस लिए जाएंगे.
मनोज जरांगे ने कहा कि अगर किसी पर जुर्माना लगाया गया है, तो उसे भरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैं आपके साथ खड़ा हूं. मैंने मराठा समाज के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर दी है. उन्होंने कहा कि हमने 50 प्रतिशत से अधिक के आरक्षण की मांग नहीं की है. हम पहले से ही 50 प्रतिशत सीमा के भीतर हैं. ओबीसी आरक्षण की सूची में 73वें नंबर पर कुणबी का उल्लेख है, और हम सभी कुणबी हैं.
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