सुरक्षा बलों की कार्रवाई से घबराए माओवादी नक्सली सरकार से करना चाहते हैं वार्ता, एक माह के ‘युद्ध विराम’ का आग्रह

रांची, 17 सितंबर . मार्च, 2026 तक Jharkhand सहित पूरे देश को नक्सल मुक्त कराने के लक्ष्य के साथ सुरक्षाबलों और Police की ओर से चलाए जा रहे अभियान ने Naxalite संगठनों को बैकफुट पर ला दिया है. बंदूक की नोक पर क्रांति की बातें करने वाले और वर्षों तक हिंसा को रास्ता बनाने वाले भाकपा माओवादी Naxalite संगठन ने एक बार फिर Government से वार्ता के लिए शांति प्रस्ताव की पेशकश की है.

भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि Naxalite हथियार छोड़कर वार्ता करने के लिए तैयार हैं. पत्र में लिखा गया है कि पार्टी (भाकपा माओवादी) एक महीने के लिए औपचारिक युद्धविराम चाहती है. साथ ही शुरुआती बातचीत वीडियो कॉल से करने का सुझाव दिया गया है. पिछले छह महीनों में संगठन की ओर से यह प्रस्ताव पांचवीं बार आया है.

प्रेस नोट में कहा गया है कि मार्च 2025 के आखिरी सप्ताह से ही पार्टी शांति वार्ता की कोशिश कर रही है. महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू के एनकाउंटर के बाद यह मुद्दा और तेज हुआ. नक्सलियों ने लिखा है कि Government से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. इसके बजाय सैन्य अभियान बढ़ा दिए गए. इसके बावजूद पार्टी ने बदलती परिस्थितियों को देखते हुए हथियार छोड़ने का निर्णय लिया है.

पत्र में यह भी कहा गया है कि अब संगठन जनहित के मुद्दों पर अन्य Political दलों और आंदोलनों के साथ मिलकर संघर्ष करेगा. नक्सलियों ने केंद्रीय गृह मंत्री या उनके नियुक्त प्रतिनिधि से सीधे वार्ता की इच्छा जताई है. उनका कहना है कि पार्टी को राय बनाने के लिए साथियों और जेल में बंद कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करना होगा. इसके लिए एक माह का समय मांगा गया है.

नक्सलियों ने Government से अपील की है कि इस दौरान तलाशी अभियान और हमले बंद किए जाएं. तभी शांति प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी. फिलहाल Government की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

उल्लेखनीय है कि सुरक्षाबलों ने पिछले 15 दिनों में Jharkhand और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है.

एसएनसी/एएस