देहरादून, 28 अगस्त . मानसून के दिनों में उत्तराखंड में भारी बारिश और लैंडस्लाइड होने से यहां की सड़कों पर मलबा और पत्थर जमा हो जाता है. जिसकी वजह से देवभूमि में कई सड़कों पर यातायात आवाजाही बंद हो जाती है. सड़क बंद होने से बाहर से आने वाले यात्रियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति में प्रशासन द्वारा यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए रूट डायवर्ट किया जाता है.
उत्तराखंड के लैंडस्लाइड जोन में पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारी तेजी से काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही कई सड़कों को यातायात आवाजाही के लिए खोल लिया जाएगा.
पीडब्ल्यूडी विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय ने बुधवार सुबह इस संबंध में अधिकारियों के साथ मीटिंग की. मीटिंग के बाद उन्होंने बताया है राज्य में खराब सड़कों को लेकर अफसरों के साथ मीटिंग की गई है. प्रदेश में बारिश और मलबा आने से सड़कें खराब हुई थी.
उन्होंने कहा, “83 सड़कें खराब हुई थी, जिसमें अधिकतर आज से खोल दी जाएंगी, जहां सड़कें ठीक नहीं वहां रूट डायवर्ट किया गया है. जो सड़कें अभी बंद हैं, उनमें एक नेशनल हाईवे है जो बद्रीनाथ धाम को जाता है. यहां नंदप्रयाग के पास काफी दिनों से मलबा और पत्थर आ रहा है. लगातार वहां पर कार्य किया जा रहा है. लेकिन, कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है. हमने तब तक के लिए यातायात आवाजाही के लिए रूट को डायवर्ट कर दिया है.”
पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज पाण्डेय ने बताया, “पिछले साल 200 से अधिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए थे. जिनमें 100 से अधिक पर इस साल बरसात से पहले काम शुरू कर दिया गया था और इस काम में खर्च अधिक आता है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, पीडब्ल्यूडी के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग से भी पैसा मिला है. उन्होंने कहा है कि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इन सभी जगह को ठीक कर यातायात आवाजाही के लिए खोल दिया जाए. वहीं, विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द जो लैंडस्लाइड जोन हैं, उन्हें चिन्हित करें और अगले साल ऐसी स्थिति ना बने उसके लिए योजना तैयार करें.”
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डीकेएम/एएस