आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर सीएम योगी समेत कई नेताओं ने जताया दुख

नई दिल्ली, 22 जून . अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा समेत कई नेताओं ने शोक जताया है.

सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का गोलोक गमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है. संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!”

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्स पर लिखा, ”काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति एवं अथाह दुःख का क्षण है. संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे. अयोध्यापति प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिव्यात्मा को अपने परमधाम में स्थान और उनके शिष्यों व अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.”

राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, ”सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित एवं सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के गोलोकवासी होने का दुखद समाचार मिला. प्रभु श्री राम जी, दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों को यह दुख सहने करने की शक्ति प्रदान करें.”

आचार्य लक्ष्मीकांत के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी दुख जताया है. उन्होंने लिखा, ”काशी के मूर्धन्य वैदिक विद्वान एवं अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, श्रद्धेय आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का ब्रह्मलीन होने का समाचार अत्यंत दुखद है. उनके देवलोकगमन से आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति हुई है. सनातन संस्कृति हेतु आपके द्वारा किए गए कार्यों के लिए सनातन समाज सदैव ऋणी रहेगा. बाबा महाकाल पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें.”

आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित काफी समय से बीमार चल रहे थे. शनिवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर वाराणसी में उन्होंने आखिरी सांस ली.

उधर आचार्य लक्ष्मीकांत के निधन की खबर मिलने के बाद काशी और अयोध्या के लोगों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है.

उल्लेखनीय है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान लक्ष्मीकांत दीक्षित का प्रमुख पुजारी के रूप में चयन हुआ था. उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए था. लक्ष्मीकांत दीक्षित पूजा पद्धति में सिद्धहस्त और वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे थे.

एसके/