आशा किरण शेल्टर होम में कई खामियां, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई : कुलदीप कुमार

नई दिल्ली, 3 अगस्त . दिल्ली सरकार ने रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में 14 दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं. इस मामले को लेकर सियासत गरमा गयी है.

आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से सवाल किया कि रिश्वत लेने के आरोप में पूर्व में निलंबित एक अधिकारी को आशा किरण आश्रय गृह का प्रशासक क्यों नियुक्त किया गया, जहां जुलाई में 14 बच्चों की मौत हो गयी.

आशा किरण आश्रय गृह का दौरा करने के बाद आप विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि हमने आशा किरण शेल्टर में कई कमियां देखी हैं. हमने यहां बच्चों और सपोर्टिंग स्टाफ से भी बात की है. हमने बहुत सारे रजिस्टर चेक किए. सपोर्टिंग स्टाफ का कहना है कि उन्होंने कई चीजों को लेकर शिकायत की, लेकिन उन्हें दूर नहीं किया गया. यहां जो भी लापरवाही और कमियां मिली हैं, उसकी जल्द ही रिपोर्ट बनाकर देंगे.

विधायक ने कहा, “मैं उपराज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसे अधिकारी को प्रशासक की ज़िम्मेदारी क्यों दी, जिसे सीबीआई ने रिश्वत लेते पकड़ा था और जिसे पांच साल के लिए निलंबित किया गया था? साथ ही शेल्टर होम के अंदर के हालात के वीडियो भी हम जारी करेंगे. हम मांग करते हैं कि एलजी को उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने लापरवाही बरती है.”

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि आश्रय गृह के प्रशासक राहुल अग्रवाल को सीबीआई ने 2016 में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था और वह पांच साल तक निलंबित रहा था.

सौरभ भारद्वाज ने भी राहुल अग्रवाल को आश्रय गृह का प्रशासक नियुक्त करने के उपराज्यपाल के कदम पर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि इस मामले में आश्रय गृह प्रशासक और समाज कल्याण विभाग के सचिव के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी शुक्रवार को मानसिक विकलांग बच्चों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा रोहिणी में संचालित आश्रय गृह आशा किरण में एक महीने में 14 बच्चों की मौत के संबंध में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से रिपोर्ट मांगी है.

एकेएस/एकेजे