नई दिल्ली, 1 जुलाई . भारत में बढ़ती कंज्यूमर मांग के कारण मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में जून में तेजी देखने को मिली और इसके कारण नियुक्तियों की दर में 19 वर्ष में सबसे तेज वृद्धि देखने को मिली है. सोमवार को जारी किए गए एचएसबीसी के फाइनल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. इन आंकड़ों को एसएंडपी द्वारा संकलित किया गया था.
एचएसबीसी की ग्लोबल इकोनॉमिस्ट मैत्रेयी दास ने कहा, “भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर जून तिमाही में काफी अच्छी रही है. हेडलाइन मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह जून में 58.3 रहा है.”
रिपोर्ट में कहा गया कि कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है. वहीं, इंटरमीडिएट और इन्वेस्टमेंट गुड्स कैटेगरी में भी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है.
सर्वे में 400 कंपनियों की ओर से दी गई प्रतिक्रियाओं के आधार पर बताया गया कि एक्सपोर्ट में वृद्धि दर पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अच्छी रहने की संभावना है. एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप और यूएस से आने वाले नए ऑर्डर में बढ़त हुई है.
दास ने कहा कि इनपुट की महंगाई दर अभी भी लंबी अवधि के एवरेज से ऊपर बनी हुई है. हालांकि, मैन्युफैक्चरर्स ऊंची लागत को आसानी से ग्राहकों पर डाल रहे हैं. वहीं, मांग अधिक होने के कारण मार्जिन में सुधार हो रहा है.
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 3 प्रतिशत बढ़कर 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है.
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है.
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