मनोज जरांगे ने खत्म किया मराठा आरक्षण आंदोलन, बोले- महाराष्ट्र के लिए स्वर्णिम दिन

Mumbai , 2 सितंबर . मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने Tuesday को सरकार से मांगें माने जाने के बाद अपना पांच दिन का अनशन समाप्त कर दिया. उन्होंने जल संसाधन मंत्री व मंत्रिमंडलीय उपसमिति अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल के हाथों नींबू पानी पीकर अनशन तोड़ा.

जरांगे ने कहा कि यह मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए “स्वर्णिम दिन” है. उन्होंने समर्थकों से अपील की कि वे आज रात 9 बजे तक शांति से Mumbai छोड़ दें. इसके बाद वे स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती होंगे और फिर अंतरवली साराटी लौटेंगे.

उन्होंने बताया कि सरकार ने हैदराबाद गजट को तुरंत लागू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत यदि किसी गांव, कुनबी वंश अथवा रिश्तेदार के पास कुनबी प्रमाणपत्र है, तो अन्य मराठाओं को भी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शुरू होगी. साथ ही सतारा और आंध गजट पर एक महीने के भीतर कानूनी खामियां दूर कर लागू करने का आश्वासन दिया गया है.

मराठा आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने पर भी सहमति बनी है. जरांगे ने कहा कि सरकार सितंबर के अंत तक जीआर जारी कर सभी मामले वापस लेगी.

आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मदद और नौकरी की मांग पर सरकार ने 15 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है, जो एक सप्ताह में पीड़ित परिवारों के खातों में पहुंच जाएगी.

सरकार ने 58 लाख मराठों के कुनबी रेकॉर्ड ग्राम पंचायतों में दर्ज करने, वंशावली समिति के गठन और शिंदे समिति को कार्यालय उपलब्ध कराने पर भी सहमति जताई है.

जरांगे ने कहा कि मराठा-कुनबी एक ही हैं और इस पर सरकार दो माह के भीतर जीआर जारी करेगी. वहीं, 8 लाख रिश्तेदारी से जुड़े दावों की जांच में समय लगेगा, जिसे आंदोलनकारी स्वीकार करते हैं.

मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने जरांगे-पाटिल को “योद्धा” बताते हुए कहा कि सरकार ने आंदोलनकारियों की सभी जायज मांगों पर गंभीरता से निर्णय लिया है. उन्होंने Chief Minister देवेंद्र फडणवीस, उपChief Minister एकनाथ शिंदे और अजित पवार समेत सभी मंत्रियों और अधिकारियों का आभार जताया.

डीएससी/