मन की बात : दिल्ली में भाजपा नेताओं ने सुना प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की प्रशंसा की

New Delhi, 28 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए एक बार फिर ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश दिया और देशवासियों से ‘स्वदेशी’ वस्तुएं अपनाने का आग्रह किया. Prime Minister मोदी की अपील पर भाजपा नेताओं का कहना है कि इससे जहां नए रोजगार का सृजन होगा, वहीं India मजबूत होगा व ‘विकसित राष्ट्र’ का संकल्प भी साकार होगा.

Sunday को दिल्ली में अलग-अलग जगह भाजपा नेताओं की तरफ से कार्यक्रम रखे गए. राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और पार्टी नेता हरीश खुराना ने स्थानीय लोगों के साथ मोती नगर कम्युनिटी सेंटर में पीएम मोदी का संबोधन सुना.

उन्होंने कहा कि 126वें ‘मन की बात’ में Prime Minister ने बहुत ही प्रेरणादायक बातें साझा कीं. पीएम मोदी ने स्वदेशी वस्तु को आगे बढ़ाने की बात कही और साथ ही त्योहारों के मौके पर देश में सौहार्द और एकता को बढ़ाने की बात कही, जो हर नागरिक के लिए प्रेरणा है.

अरुण सिंह ने कहा, “Prime Minister मोदी ने आह्वान किया है कि ‘स्वदेशी’ के माध्यम से देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएंगे. इसलिए हर भारतवासी स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करे, वोकल फॉर लोकल के अभियान को आगे बढ़ाए.”

उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान को लेकर पूरे देश में भाजपा के कार्यकर्ता समाज के साथ मिलकर ‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है’ अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.

‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने Sunday को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सराहना की. इस पर अरुण सिंह ने कहा, “हमको गर्व है कि हम स्वयंसेवक हैं और हमें मालूम है कि देश में समाज सेवा के लिए, जो संघ के स्वयंसेवक निकलते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी काम करते हैं, समाज उनकी सराहना करती है. तभी समाज स्वयंसेवकों के साथ है.”

इस बीच, Union Minister पीयूष गोयल ने मोती बाग इलाके में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने Prime Minister के संबोधन की सराहना करते हुए कहा कि आजादी के बाद ‘स्वदेशी’ की जिस भावना को India ने लगभग त्याग दिया था, उसे मोदी जी ने पिछले 11 वर्षों में प्राथमिकता दी है. नवरात्रि से ‘GST बचत उत्सव’ शुरू होने के साथ, कई वस्तुओं से GST हटा दिया गया. देश में विकास की लहर और उपभोक्ताओं को मिल रही मजबूती के साथ, Sunday को Prime Minister ने देश को ‘स्वदेशी’ उत्पादों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया.”

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