जम्मू, 27 दिसंबर . जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन को बहुत बड़ी क्षति बताया. उनके मुताबिक डॉ सिंह की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता.
शुक्रवार को से खास बातचीत में उन्होंने पूर्व पीएम के योगदान को अभूतपूर्व बताया.
रमन भल्ला ने डॉ. मनमोहन सिंह को एक दूरदर्शी नेता बताया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में काम किया, बल्कि समाज के हर वर्ग और हर व्यक्ति के लिए न्याय सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व किया, आरबीआई के गवर्नर के रूप में अपनी सेवा दी और कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई. उनका निधन हमारे लिए एक बड़ी क्षति है. उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता, वह बहुत विनम्र नेता थे.
भल्ला ने आगे कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने जम्मू-कश्मीर के कल्याण के लिए अद्वितीय कार्य किया. उन्होंने जम्मू और कश्मीर में बड़े पैकेज दिए. पहले जहां बच्चियों को कॉलेज शिक्षा के लिए दूर-दूर जाना पड़ता था, आज यहां डिग्री कॉलेज हैं, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं. उन्होंने हर वर्ग को सही शिक्षा, जानकारी और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कीं. रास्ते से भटके हुए लोगों को भी उन्होंने सही दिशा दिखाने का काम किया. खासकर विस्थापित कश्मीरी समुदाय के मुद्दों को सुलझाने में उन्होंने जिम्मेदारी से काम किया. हम उनके दिखाए गए मार्ग पर चलते रहेंगे. वह वास्तव में एक धर्मनिरपेक्ष नेता थे.
इसके साथ ही, रूरल बैंक डेवलपमेंट के तहत रोजगार गारंटी एक्ट लाकर देहात को मजबूत करने का प्रयास किया, जिससे शहरीकरण की ओर रुझान कम हुआ और देहाती क्षेत्रों में विकास की दिशा में कदम बढ़ाए गए. 13 साल प्रधानमंत्री रहते हुए, उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को संजीवनी दी और दुनिया के आर्थिक संकट के बीच भी हमें मजबूत बनाए रखा. जम्मू और कश्मीर में बाढ़ की स्थिति हो या लद्दाख में संकट, उन्होंने हमेशा मदद की और अपने कार्यों से राज्य को आगे बढ़ाया. वह पहले सिख प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपनी नीतियों से जम्मू और कश्मीर के लोगों को रोजगार, शिक्षा और विकास की दिशा में मदद दी.
उनके द्वारा लागू किए गए रिफ्यूजी पैकेज ने कश्मीरी पंडितों को राहत दी और उनके भविष्य को सुधारने के रास्ते खोले. हम सभी उनकी सेवाओं को कभी नहीं भूल सकते और दिल की गहराइयों से उनकी याद करते हैं.
वहीं, हिमाचल प्रदेश में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं को धमकी मिलने के मामले पर रमन भल्ला ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि देशभर में ऐसे माहौल को बनाने की कोशिश की जा रही है. लोगों को यह देखना चाहिए कि डॉ. मनमोहन सिंह कितने धर्मनिरपेक्ष नेता थे. आज हम इस संघर्ष में हैं कि हम संकीर्ण दृष्टिकोण से ऊपर उठकर आपस में संवाद को बढ़ावा दें. हमें कंधे से कंधा मिलाकर भाईचारे के रिश्ते को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि निर्णय सरकारों के लिए होते हैं, लेकिन हम इस तरह के दृष्टिकोण की निंदा करते हैं. इस तरह का व्यवहार कहीं भी नहीं होना चाहिए. यह एक ऐसे समाज की ओर इशारा करता है, जहां हम अपने विविधताओं का सम्मान करते हुए एकजुट रहते हैं.
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पीएसके/केआर