नई दिल्ली, 29 दिसंबर . दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी विधानसभा के लिए अलग से ‘शिक्षा घोषणा पत्र’ जारी करने वाले मनीष सिसोदिया पहले नेता बन गए हैं. उन्होंने अपने जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र के लिए ‘शिक्षा घोषणा पत्र’ जारी की है. दिल्ली में शिक्षा क्रांति के जनक कहे जाने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री ने जंगपुरा के बच्चों का भविष्य संवारने की बात कही है.
मनीष सिसोदिया ने शिक्षा घोषणा पत्र में शिक्षा को महत्व देते हुए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों का कायाकल्प करने का वादा किया है. उन्होंने कहा, “मैंने शिक्षा मंत्री के रूप में काम करते हुए दिल्ली के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के लिए एक ठोस नींव तैयार की है. अब जंगपुरा से विधायक बनने के बाद क्षेत्र के स्कूलों में क्रांतिकारी बदलाव लाने पर काम करूंगा. यहां सराय काले खां और हजरत निजामुद्दीन इलाके में सभी सुविधाओं से सुसज्जित दो नए स्कूल बनाए जाएंगे. सरकारी स्कूलों की तरह ही क्षेत्र के सभी सहायता प्राप्त स्कूलों में शैक्षिक सुविधाएं दी जाएंगी और निजी स्कूलों को मनमाना फीस नहीं बढ़ाने दिया जाएगा. साथ ही, हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू के साथ उन भारतीय भाषाओं के टीचर्स भी रखे जाएंगे जो वहां पढ़ने वाले बच्चों की मातृ भाषा है.”
मनीष सिसोदिया ने जारी शिक्षा घोषणा पत्र में कहा है कि बच्चों की अच्छी शिक्षा ही किसी परिवार की तरक्की का एकमात्र जरिया है. हम सब चाहते हैं कि हमारा बच्चा बड़ा होकर एक सफल और प्रतिष्ठित व्यक्ति बने. लेकिन उसके लिए बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी बहुत जरूरी है. मैंने शिक्षा मंत्री के रूप में काम करते हुए दिल्ली के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के लिए एक ठोस नींव तैयार की है. अब मैं आपकी जंगपुरा विधानसभा से आपके विधायक के रूप में भी काम करने आ रहा हूं.
अपने घोषणा पत्र में उन्होंने बताया है कि नया स्कूल और वर्तमान स्कूलों में नई बिल्डिंग समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. सराय काले खां और हजरत निजामुद्दीन इलाके में सभी सुविधाओं से सुसज्जित दो नए स्कूल बनाए जाएंगे. फिरोज शाह कोटला और हरि नगर आश्रम के स्कूल में शानदार नई बिल्डिंग बनाई जाएगी और यहां बच्चे 12वीं तक की पढ़ाई कर सकेंगे. सभी स्कूलों में टीचर्स की संख्या पूरी रहेगी. स्कूलों में सिक्योरिटी गार्ड और सफाई कर्मचारी होंगे ताकि सुरक्षा और सफाई की व्यवस्था बेहतरीन रहे. ट्रैफिक पुलिस के साथ तालमेल रहेगा ताकि स्कूल लगने-छूटने के समय बच्चों को असुविधा न हो. दिल्ली सरकार के स्कूलों को 17 नगर निगम के स्कूलों और क्षेत्र की सभी 62 आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि तीन साल से लेकर 18 साल की उम्र तक हर बच्चे को शिक्षा का अच्छा अवसर मिले.
घोषणा पत्र के मुताबिक, क्षेत्र के सभी 11 सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी वही शैक्षिक सुविधा दी जाएगी जो दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों को मिलती है. उन बच्चों की भी शैक्षिक प्रगति को लगातार ट्रैक किया जाएगा. सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षा निदेशालय सभी सहायता प्राप्त स्कूलों के अनुदान समय से वितरित करे.
मनीष सिसोदिया ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी प्राइवेट स्कूल को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं होगी. टीचर्स और प्रिंसिपल्स के लिए सम्मान, सुविधाएं और ट्रेनिंग के अवसर दिए जाएंगे. डीआईईटी दरियागंज को आधुनिक ट्रेनिंग और रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि टीचर्स को पढ़ने-पढ़ाने के नए तरीके विकसित करने के लिए प्रेरणा और सपोर्ट मिल सके. सभी टीचर्स और प्रिंसिपल्स को देश-विदेश में ट्रेनिंग के नए अवसर मिलेंगे. मेरे साथ हर महीने शिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में सभी टीचर्स और प्रिंसिपल्स भाग ले सकेंगे.
उन्होंने घोषणा पत्र में कहा है कि जिन स्कूलों में तमिल एवं अन्य दक्षिण भारतीय समाज के परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, उनमें उन भाषाओं के शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू के साथ साथ उन भारतीय भाषाओं के टीचर्स भी रखे जाएंगे जो यहां पढ़ने वाले बच्चों की मातृ भाषा है. बच्चों की अंग्रेजी में बातचीत करने की दक्षता विकसित करने के लिए स्पोकेन इंग्लिश के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे. साथ ही जर्मन, फ्रेंच और जापानी भाषा के भी कोर्स शुरू किए जाएंगे.
वोकेशनल विषय को आने वाले कल की जरूरत के हिसाब से तैयार किया जाएगा ताकि स्कूली शिक्षा पूरी करने की बाद अगर कोई बच्चा काम करना चाहे, या काम के साथ आगे की पढ़ाई करे तो उसे सही रोजगार मिल सके. स्कूल की छुट्टी के बाद स्कूलों में डांस, ड्रामा, आर्ट्स, स्पोर्ट्स जैसे प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे ताकि बच्चों का बहुमुखी विकास हो सके.
दिल्ली पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईटीआई हजरत निजामुद्दीन में वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी के साथ नए कोर्स शुरू किए जाएंगे जो कि रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे. छात्राओं में खुद की सुरक्षा के लिए उच्च स्तर के “सेल्फ डिफेंस” कोर्स भी शुरू किए जाएंगे. स्कूलों से पास होकर निकलने वाले सभी बच्चों को अगले चार साल तक ट्रैक किया जाएगा ताकि उच्च शिक्षा और रोजगार में उनकी मदद की जा सके. इन बच्चों को एलुमनी ग्रुप के जरिए इस बात के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो अपने स्कूल से जुड़े रहें और जूनियर्स को गाइड करें.
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पीकेटी/एकेजे