झूठे केस में गिरफ्तार करने वालों को भी जेल भेजने का हो प्रावधान : मनीष सिसोदिया

New Delhi, 21 अगस्त . आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने केंद्र Government के आपराधिक मामले में लगातार 30 दिन जेल में रहने वाले Chief Minister या मंत्रियों को पद से हटाने को लेकर लाए जा रहे कानून का स्वागत करते हुए कई अहम सुझाव दिए हैं.

उन्होंने कहा कि अगर किसी Chief Minister या मंत्री को झूठे केस में जेल भेजा जाता है तो उसे जेल भेजने वाले अधिकारी, एजेंसी और Government के मुखिया को भी जेल भेजने का कानून में प्रावधान होना चाहिए. अफसर-मुखिया को उतने ही साल तक जेल में रखा जाना चाहिए, जितने साल की सजा का प्रावधान उस आरोप में है. यह कानून आम आदमी को झूठे केस में जेल भेजने पर भी लागू होना चाहिए, तभी निरंकुश सत्ता के दुरुपयोग पर पूरी तरह लगाम लगेगी. यह कानून अभी अधूरा है, जिसका ईडी-सीबीआई की तरह दुरुपयोग होने की पूरी संभावनाएं हैं.

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र Government संविधान में एक नया संशोधन ला रही है, जिसमें यह प्रावधान है कि यदि किसी राज्य या केंद्र Government के मंत्री, Chief Minister या Prime Minister की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें एक महीने के भीतर अपना पद छोड़ना होगा या उन्हें हटा दिया जाएगा. यह प्रस्ताव स्वागत योग्य है. लेकिन, बहुत संभावनाएं हैं कि जिस तरह Enforcement Directorate (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का दुरुपयोग हुआ है, उसी तरह इस कानून का भी दुरुपयोग होगा. यह कानून अच्छा है. भ्रष्ट नेताओं में हमेशा यह डर बना रहना चाहिए कि भ्रष्टाचार करने पर कुर्सी जा सकती है. आम आदमी पार्टी तो कट्टर ईमानदार लोगों की पार्टी है. इसी कारण ‘आप’ इस तरह के किसी भी कदम को अच्छा ही मानेगी. लेकिन, यह कानून अभी अधूरा है.

उन्होंने कहा कि यह कानून केंद्र या राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी को अत्यधिक शक्ति देता है. हमारा सुझाव है कि इस कानून में यह अतिरिक्त प्रावधान जोड़ा जाए कि यदि किसी मंत्री, Chief Minister या Prime Minister की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी होती है और उन्हें जेल में रहना पड़ता है, तो एक महीने के भीतर उन्हें पद से हटा दिया जाए, यह अच्छी बात है. लेकिन, यदि बाद में वह नेता (चाहे वह मंत्री हो या Chief Minister ) निर्दोष साबित होता है और उस पर लगे आरोप सही नहीं होते हैं और उसको बरी कर दिया जाता है, तो इसका मतलब है कि उन पर लगे आरोप झूठे थे और Political साजिश के तहत झूठे आरोप लगाए गए थे.

सिसोदिया ने कहा कि ऐसे में, जिन लोगों ने झूठे आरोप लगाए, उनको जेल जाना चाहिए. जिस अधिकारी ने किसी Chief Minister या मंत्री को गिरफ्तार करने का निर्णय लिया, उसे उतने साल के लिए जेल में डालना चाहिए, जितने साल के झूठे आरोप उसने लगाए. साथ ही, जिस एजेंसी ने ये आरोप लगाए, उसके प्रमुख को भी उतने ही साल के लिए जेल की सजा मिलनी चाहिए.

पीकेटी/एबीएम