मनीष मल्होत्रा ने धर्मेंद्र को किया याद, सुनाया ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के सेट का दिलचस्प किस्सा

Mumbai , 24 नवंबर . हिंदी सिनेमा के दिग्गज Actor धर्मेंद्र के निधन के बाद पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है. मशहूर फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने धर्मेंद्र से जुड़ी खास यादों को संग साझा किया और ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के सेट का दिलचस्प किस्सा सुनाया.

मनीष मल्होत्रा ने से बात करते हुए कहा, “धर्मेंद्र जी के निधन की खबर सुनकर मैं काफी दुखी हूं, क्योंकि वह मेरे पसंदीदा Actorओं में से एक थे. उनके चेहरे पर हमेशा एक अलग चमक रहती थी, जो उन्हें दूसरे कलाकारों से अलग बनाती थी. मैंने उनकी लगभग सभी फिल्में देखी हुई हैं. वह न सिर्फ शानदार Actor थे, बल्कि उनका स्टाइल, उनकी पर्सनैलिटी और उनकी स्क्रीन प्रेसेंस ऐसी थी जिसे भुलाया नहीं जा सकता.”

मनीष ने अपने उस यादगार पल को भी साझा किया जब वह पहली बार धर्मेंद्र से सेट पर मिले थे. उन्होंने बताया, ”करण जौहर ने मुझे ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र से मिलवाया था. उस दौरान धर्मजी कुछ देर तक मुझे देखते रहे और फिर मुस्कुराकर बोले, ‘मैं आपको कितने सालों से देख रहा हूं, आप बहुत काम करते हैं, मैंने आपका काम टीवी पर देखा है.’ यह सुनकर मैं भावुक हो गया था, क्योंकि उनके जैसे महान Actor का मुझे पहचानना किसी सम्मान से कम नहीं था.”

उन्होंने कहा कि वह खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें धर्मेंद्र के साथ काम करने का मौका मिला.

इसी भावनात्मक जुड़ाव को मनीष मल्होत्रा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में भी व्यक्त किया. उन्होंने ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के सेट की एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे धर्मेंद्र को बड़े अपनापन और आदर से देखते हुए नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, ”धर्मेंद्र जी मेरे लिए हमेशा से प्रेरणा रहे हैं. मैं बचपन से उनकी फिल्मों का दीवाना रहा हूं, उनकी एक्टिंग, उनकी कॉमिक टाइमिंग, उनके गाने, कपड़े, स्टाइल और उनका रफ एंड टफ हीरो वाला अंदाज मुझे हमेशा से प्रभावित करता आया है. फिल्म के सेट पर वह हर बार बड़ी गर्मजोशी से मिलते थे, उनके अंदर वह सादगी और प्यार था, जो आज के समय में बहुत कम देखने को मिलता है.”

मनीष ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ”धर्मेंद्र जी को अलविदा कहना बेहद मुश्किल है, क्योंकि वह उन कलाकारों में से थे जिन्हें देखने के बाद यही इच्छा होती थी कि वे कभी न जाएं, हमेशा हमारे बीच रहें.”

पीके/एबीएम