मणिकम टैगोर ने यूएस से डिपोर्ट हुए ‘भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार’ का उठाया मुद्दा, लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस

नई दिल्ली, 6 फरवरी . कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. वहीं, कन्याकुमारी से सांसद विजय वसंत ने मछुआरों की समस्याओं का मुद्दा उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अपने स्थगन प्रस्ताव नोटिस में अमेरिका में अवैध रूप से रह भारतीयों के स्वदेश लौटने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हमारे नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

कांग्रेस सांसद ने अपने नोटिस में कहा, “अमेरिका ने अमानवीय और अपमानजनक तरीके से भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है. हमारे नागरिकों के हाथों में हथकड़ी पहनाई गई. यह न केवल मानवाधिकारों की घोर उपेक्षा है, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी चिंता का विषय है. कार्रवाई भारत सरकार के हस्तक्षेप के बिना की जा रही है.”

उन्होंने अपने नोटिस में इस संबंध में कई तरह के सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा कि, “भारत सरकार ने अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिकों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार की निंदा क्यों नहीं की है? विदेश मंत्रालय विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्या कार्रवाई कर रहा है? निर्वासन के लिए सैन्य विमान के उपयोग के बारे में भारत सरकार से परामर्श क्यों नहीं लिया गया? जिन लोगों को निकाला जा रहा है, उनकी सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?”

इस नोटिस में उन्होंने आगे कहा, “यह सदन तत्काल निर्वासन पर चर्चा करे और विदेशों में भारतीय नागरिकों के अपमान और दुर्व्यवहार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए. मैं अध्यक्ष से बिना देरी किए चर्चा की अनुमति देने का आग्रह करता हूं.”

वहीं, कन्याकुमारी से सांसद विजय वसंत ने अपने स्थगन प्रस्ताव के नोटिस में तमिलनाड़ु में मछुआरों द्वारा झेली जा रही दुश्वारियों का मुद्दा उठाया.

उन्होंने अपने नोटिस में कहा कि तमिलनाडु में मछली पकड़ने वाले समुदायों की परेशानियों और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) की फंडिंग में कटौती पर चर्चा की मांग की.

उन्होंने बताया कि कन्याकुमारी, रामेश्वरम और नागापट्टिनम जैसे तटीय इलाकों के मछुआरों को फंडिंग में कटौती के कारण कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वसंत ने कहा, “एनआईआरडीपीआर की फंडिंग में हालिया कटौती ने मछुआरे और अन्य ग्रामीण समुदायों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावित किया है. इस कटौती का सीधा असर हजारों मछुआरे परिवारों की आजीविका पर पड़ा है, जो इन योजनाओं पर निर्भर थे.”

इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन पर भी सवाल उठाया. कहा कि यह योजना मछली पकड़ने वाले समुदाय को “पर्याप्त सहायता” देने में विफल रही है.

एसएचके/केआर