नई दिल्ली, 29 मई . कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान को भारत के शहीद सैनिकों का अपमान बताते हुए भाजपा ने गांधी परिवार और कांग्रेस की जमकर आलोचना की है.
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं और 400 पार के आंकड़ों के साथ एनडीए गठबंधन फिर से सरकार बनाने जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसके ठीक विपरीत कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर जनता की भावना को ठेस पहुंचाने वाले बयान दे रहे हैं.
भाटिया ने कहा कि मणिशंकर अय्यर कह रहे हैं कि चीन ने 1962 में कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया और उनका यह बयान भारत की शान और तिरंगे की खातिर अपनी जान कुर्बान करने वाले बहादुर वीर सैनिकों का अपमान है. यह भारत की एकता और अखंडता पर चोट है.
उन्होंने कहा कि 1962 में चीन के हमले में हमारे बहादुर सैनिकों ने शहादत दी और जख्मी हुए लेकिन मणिशंकर अय्यर कह रहे हैं कि कथित तौर पर हमला हुआ.
गौरव भाटिया ने अय्यर के बयान के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस तरह के बयान भले ही मणिशंकर अय्यर दे रहे हों, लेकिन इसके पीछे की सोच राहुल गांधी की है. अय्यर ने कुछ दिन पहले कहा था कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है और अब उनका चीन को लेकर यह बयान सामने आ गया है.
भाजपा प्रवक्ता ने पूछा कि आखिर कांग्रेस की तरफ से इन दोनों देशों को सिग्नल क्यों दिए जा रहे हैं. देश की जनता भारत विरोधी टावर को ही उखाड़ने जा रही है.
बताया जा रहा है कि चुनावी माहौल में विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 1962 में चीन द्वारा भारत पर किए गए हमले के लिए कथित शब्द का इस्तेमाल करने पर माफी तो मांग ली है लेकिन भाजपा कांग्रेस की पिछली सरकारों के रवैये का हवाला देते हुए इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं है.
हालांकि कांग्रेस पार्टी ने खुद को मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान से अलग कर लिया है. इस बयान के तूल पकड़ने के बाद मणिशंकर अय्यर ने भी ‘कथित आक्रमण’ वाले अपने बयान को लेकर माफी मांगी है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मसले पर कहा कि मणिशंकर अय्यर ने बाद में गलती से ‘कथित आक्रमण’ शब्द का उपयोग करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है.
आपको याद दिला दें कि मणिशंकर अय्यर अतीत में भी अपने कई बयानों के जरिए कांग्रेस के लिए राजनीतिक परेशानी खड़ी करते रहे हैं.
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एसटीपी/