पटना, 15 जून . बिहार में आम की विविधताओं को प्रदर्शित करने और आम उत्पादक किसानों को एक बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार के राजभवन में दो दिवसीय आमोत्सव-2024 का आयोजन किया गया है.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस उत्सव में 300 से अधिक आम की किस्मों के 1000 से अधिक प्रादर्श पूरे बिहार से आए हैं. इसके अलावा, आम के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गयी है.
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसान, व्यापारी और आम के प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं. आमोत्सव-2024 का उद्घाटन शनिवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा किया गया.
इस मौके पर उन्होंने कहा, “आम से मेरा प्यार बहुत पुराना है, गोवा जहां से मैं हूं, वहां का अल्फांजो और हापुस आम पूरी दुनिया में भारत की पहचान के तौर पर जाना जाता है | लेकिन जब मुझे बिहार आने पर जर्दालू आम दिया गया तो मैं इसके स्वाद से काफी प्रभावित हुआ. बिहार के प्रमुख आम जर्दालू, दीघा मालदह और दुधिया मालदह में वह क्षमता है कि यह भारत की पहचान के रूप में स्थापित हो सके.”
राज्यपाल ने आमोत्स्व-2024 के आयोजन के पीछे का मकसद बताते हुए कहा, “बिहार के आम का स्वाद बहुत अनोखा होता है और इसे उचित बाज़ार मिले तो निश्चित तौर पर आम उत्पादकों को बड़ा फायदा होगा.”
उन्होंने कहा कि बिहार में अगर हम इंडस्ट्री लगाने की बात करते हैं तो वह इंडस्ट्री कृषि आधारित होना चाहिए. इस आमोत्सव में बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में आम और भारतीय संस्कृति में अनूठे रिश्ते पर प्रकाश डाला और कहा कि आम प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार और शास्त्रों में इसे अमृत फल के नाम से भी जाना जाता है.
उन्होंने कहा कि बिहार में आमों की इतनी विविधताएं पायी जाती हैं, फिर भी बिहार का देश में आम उत्पादन में चौथा स्थान है. इस तरह के आयोजन से आम के उत्पादन और विपणन में बढ़ोतरी होगी और निश्चित तौर पर बिहार आम उत्पादन में प्रथम स्थान हासिल करेगा.
कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि आम प्रदर्शनी में 300 से अधिक किस्में और आम के विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किये गए हैं. यहां प्रदर्शित आम के विभिन्न उत्पादों में उद्यमिता की भरपूर क्षमता है.
उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 1.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती होती है और औसत उपज 9.7 टन प्रति हेक्टेयर है. इस महोत्सव में देश भर के उद्यान वैज्ञानिक भी शामिल हो रहे हैं.
इससे पहले राज्यपाल द्वारा जर्दालू आम पर बनी लघु वृत्तचित्र और मैंगो पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया.
–
एमएनपी/