नई दिल्ली, 3 मार्च . इस्पात मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, भारत के सबसे बड़े मैंगनीज अयस्क उत्पादक एमओआईएल ने 1.53 लाख टन अयस्क के उत्पादन के साथ फरवरी में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.
सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी इस्पात बनाने के लिए इनपुट के रूप में मैंगनीज अयस्क की सप्लाई करती है. कंपनी ने फरवरी में 11,455 मीटर की अपनी सर्वश्रेष्ठ एक्सप्लोरेटरी कोर ड्रिलिंग भी हासिल की है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 43 प्रतिशत की शानदार वृद्धि है.
अप्रैल 2024-फरवरी 2025 की अवधि के दौरान, एमओआईएल ने 14.32 लाख टन की बिक्री दर्ज की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.
इस 11 महीने की अवधि के दौरान की गई एक्सप्लोरेटरी कोर ड्रिलिंग पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़कर 94,894 मीटर के आंकड़े को छू गई.
एमओआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजीत कुमार सक्सेना ने विश्वास जताया कि कंपनी आने वाले वर्ष में मजबूत टीम प्रयास के दम पर उच्च विकास पथ पर अग्रसर होगी, जिसके कारण इस वर्ष यह उपलब्धि हासिल हुई है.
एमओआईएल ने चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-दिसंबर) के पहले नौ महीनों के दौरान 32 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ 361.55 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया. इस अवधि के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व 1,151.55 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है.
एमओआईएल बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4.02 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश के भुगतान को भी मंजूरी दी, जो पिछले वर्ष के 3.50 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश से 15 प्रतिशत अधिक है.
इसके अलावा, बोर्ड ने डोंगरी बुज़ुर्ग खदान, चिकला खदान और कांदरी खदान के लिए दो वेंटिलेशन शाफ्ट सहित पांच शाफ्ट सिंकिंग प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी है, जिनकी कीमत लगभग 886 करोड़ रुपये है.
खदान शाफ्ट को ऊपर से नीचे की ओर खोदने की क्रिया शाफ्ट सिंकिंग है, जहां शुरू में नीचे तक पहुंच नहीं होती है.
एमओआईएल के बयान के अनुसार, ये शाफ्ट कंपनी को आने वाले वर्षों में अपने मौजूदा उत्पादन स्तर को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करेंगे.
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एसकेटी/केआर