हुबली, 2 मार्च . कर्नाटक सरकार ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को निर्देश दिया है कि वे अपने सभी उत्पादों पर कन्नड़ भाषा में लिखना सुनिश्चित करें.कर्नाटक सरकार के इस फैसले का पूर्व सीएम और भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने अच्छा निर्णय लिया है.
भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने रविवार को से बातचीत करते हुए कहा, “यह अच्छी बात है कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कर्नाटक में उत्पादित होने वाले प्रोडक्ट के लेबल में कन्नड़ भाषा में इसका उल्लेख होना चाहिए. यह एक सरकारी आदेश है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. मुझे लगता है कि राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा इसे ठीक से लागू किया जाना चाहिए.”
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी आधिकारिक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि सभी उत्पादों पर कन्नड़ में लिखना जरूरी अनिवार्य है.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग (सेवा और समन्वय) की अवर सचिव के. उमादेवी ने इस संबंध में 15 फरवरी को एक सर्कुलर जारी किया है.
सर्कुलर में कहा गया है, “भाषा भूमि की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती है. किसी भाषा के विकास के लिए यह आवश्यक है कि विनिर्माण, बाजार और लेन-देन स्थानीय भाषा में किया जाए. कर्नाटक सरकार ने 12 मार्च, 2024 को कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम, 2022 लाया है.”
सर्कुलर में कहा गया कि अधिनियम की धारा 17 (7) के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य के भीतर निर्मित और बेचे जाने वाले सभी औद्योगिक और अन्य उपभोक्ता उत्पादों को अन्य भाषाओं के साथ-साथ कन्नड़ में अपना नाम और उपयोगकर्ता निर्देशों को प्रिंट करना चाहिए.
इस संबंध में सर्कुलर सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, सेक्रेटरी, सचिवों, उपायुक्तों, सभी शहरी निगमों के आयुक्तों, जिला पंचायतों के सीईओ, बेंगलुरु में उद्योग और वाणिज्य विभाग के उद्योग विकास आयुक्त और एमएसएमई के निदेशक को भेजा गया है.
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