Patna, 24 सितंबर . पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के कारण हुई कई लोगों की मौत पर अब सियासत शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष शुभंकर Government ने Chief Minister ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले Chief Minister को कोलकाता की सड़कों को लेकर पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने कोई इंतजाम नहीं किए.
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष शुभंकर Government ने Wednesday को बिहार की राजधानी Patna में मीडिया से बातचीत में कहा, “कुछ ही दिन पहले मैंने Chief Minister को कोलकाता की सड़कों को लेकर खुला पत्र लिखा था. मौसम विभाग ने नवरात्रि के दौरान पूजा अवधि में बारिश की भविष्यवाणी की थी, इसके बावजूद कोई इंतजाम नहीं किए गए और इसका नतीजा यह देखने को मिला कि कई लोगों की भारी बारिश के कारण मौत हो गई.”
उन्होंने आगे कहा, “यह सब अनदेखी का नतीजा है. कोलकाता नगर निगम को ऐसा लगता है कि किसी को इस बारे में कुछ पता नहीं है. मैं पूछता हूं कि जब मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था तो उन्होंने इस संबंध में इंतजाम क्यों नहीं किए? मेरे घर के सामने भी पानी भरा हुआ है, जिसमें कोई भी आदमी डूब सकता है. कोलकाता में हालात खराब हैं, लेकिन Chief Minister कह रही हैं कि बिजली विभाग की गलती है. अगर ऐसा है, तो फिर उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? आज लाशें पानी में तैर रही हैं. पूजा के दौरान सबको ध्यान देना चाहिए था.”
पश्चिम बंगाल में बीते दिन हुई मूसलाधार बारिश से मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. Tuesday शाम 8:30 बजे तक की रिपोर्ट में कोलकाता में ही आठ मौतें दर्ज की गईं. सभी मौतें बिजली के खुले तारों से संपर्क में आने से हुईं, जहां जलमग्न इलाकों में बिजली के तार पानी में डूबे हुए थे.
Chief Minister ममता बनर्जी ने इस घटना के लिए संजीव गोयनका के स्वामित्व वाली निजी बिजली उत्पादन एवं वितरण कंपनी सीईएससी लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर कंपनी प्रबंधन ने बुनियादी ढांचे के विकास कार्य की उपेक्षा न की होती, तो ये मौतें टाली जा सकती थीं.
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शारदीय नवरात्रि के बीच रात भर हुई तेज बारिश ने शहर को बुरी तरह प्रभावित किया. कोलकाता के कई इलाकों में जलभराव हो गया, जिससे मेट्रो और रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं.
इसके अलावा, कोलकाता मेट्रो रेलवे ने Tuesday को भारी बारिश के कारण यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई स्टेशनों के बीच परिचालनों को निलंबित कर दिया था, जबकि ईस्टर्न रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द या री-शिड्यूल किया था.
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