ममता बनर्जी का फुरफुरा शरीफ दौरा, इफ्तार में लेंगी हिस्सा, विधायक नवशाद सिद्दीकी ने दी जानकारी

कोलकाता, 17 मार्च . पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार शाम फुरफुरा शरीफ की यात्रा पर जाएंगी, जहां वह इफ्तार पार्टी में शिरकत करेंगी. फुरफुरा शरीफ पश्चिम बंगाल के मुस्लिम समुदाय में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यहां का प्रभाव मुस्लिम मतदाताओं पर काफी गहरा है. मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी का यह तीसरी बार फुरफुरा शरीफ का दौरा होगा. इसे राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

फुरफुरा शरीफ मुस्लिम समुदाय में गहरी जड़ें रखता है और यहां का असर आगामी चुनावों में अहम हो सकता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस धार्मिक स्थल पर दौरा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. ममता बनर्जी इस यात्रा के दौरान पिरजादा तवाहा सिद्दीकी से व्यक्तिगत मुलाकात भी कर सकती हैं. यह मुलाकात इस्लामिक धार्मिक नेता से उनकी समीपता को और मजबूत कर सकती है.

आरएसएमपी विधायक नवशाद सिद्दीकी ने ममता बनर्जी के फुरफुरा शरीफ दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इससे पहले भी कई बार फुरफुरा शरीफ का दौरा किया है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनका तीसरा दौरा है. हम उनका स्वागत करते हैं. फुरफुरा शरीफ में हर जाति और समुदाय के लोग आते हैं. राजनीति के दृष्टिकोण से यह जरूरी है कि टीएमसी और भाजपा दोनों ही हिंदू-मुसलमान मतों का बाइनरीकरण चाहते हैं. दोनों पार्टियों का इरादा मुस्लिम और हिंदू वोटों को एक अलग-अलग खांचे में रखने का है, जिससे उन्हें आगामी चुनावों में लाभ हो.

उन्होंने कहा कि राजनीति में सभी नेता अपने चुनावी फायदे के लिए ऐसे धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं, लेकिन यह समझने की जरूरत है कि सच्ची प्राथमिकताएं क्या हैं, जैसे कि अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति. उन्होंने आगे कहा कि हमारा फोकस हमेशा विकास कार्यों पर होना चाहिए, न कि केवल धार्मिक मुद्दों पर. अस्पताल, ट्रांसपोर्ट और शिक्षा जैसे बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए.

ममता बनर्जी का यह कदम मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने के रूप में देखा जा सकता है, खासकर उस समय जब पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों का माहौल गरम है. उनकी पार्टी टीएमसी और भाजपा दोनों के बीच मुस्लिम और हिंदू मतों को लेकर कड़ा संघर्ष हो रहा है. ममता बनर्जी का इस प्रकार का दौरा और धार्मिक नेताओं से मुलाकात इस बात को दर्शाता है कि टीएमसी अगले चुनावों में मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

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