कोलकाता, 23 मई . पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विभिन्न देशों के दौरे पर गए बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों की वापसी के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहमति बनाना और पाकिस्तान के साथ-साथ उसकी धरती से पनपने वाले उन आतंकी समूहों को अलग-थलग करना है, जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं और उसका समर्थन करते हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आतंकवाद के खिलाफ देश की वैश्विक पहल के तहत विभिन्न देशों का दौरा कर रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को देखकर मुझे खुशी हो रही है. जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय हित और हमारी संप्रभुता की रक्षा में संघ द्वारा उठाए गए किसी भी कदम के साथ मजबूती से खड़ी है. मैं केंद्र सरकार से प्रतिनिधिमंडलों की सुरक्षित वापसी पर संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करती हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि इस महान राष्ट्र के लोगों को हाल के संघर्ष और चल रहे घटनाक्रम के बारे में किसी और से पहले जानकारी प्राप्त करने का सबसे बड़ा अधिकार है.”
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ नहीं किया कि ‘किसी और’ से उनका क्या मतलब है, लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इसके जरिए उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस महीने की शुरुआत में अपने एक्स हैंडल के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की ओर संकेत किया है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी. हालांकि, इतने लंबे समय तक यह मांग उठाने से परहेज करने के बाद ममता बनर्जी ने अंततः इसे तब उठाया है जब बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य विदेश दौरों पर हैं.
केंद्र सरकार की वैश्विक आउटरीच पहल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके जवाब में सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू हुई है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक था.
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एकेएस/एकेजे