ममता बनर्जी ने की वित्तीय सहायता की घोषणा, शिक्षकों ने ठुकराया

कोलकाता, 27 अप्रैल . पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ग्रुप-सी और डी के बेरोजगार शिक्षकों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. सीएम की घोषणा के अनुसार, ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों को 25,000 रुपये और ग्रुप ‘डी’ कर्मचारियों को 20,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी. लेकिन, बेरोजगार शिक्षकों ने सीएम द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता को ठुकरा दिया है.

कोलकाता में नौकरी की बहाली को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का मानना है कि उन्हें सरकार से वित्तीय सहायता नहीं चाहिए, बल्कि रोजगार चाहिए.

प्रदर्शन कर रहे सच्चिदानंद सिंह ने रविवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने जो वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है, हमें मंजूर नहीं है. क्योंकि, हमने कड़ी मेहनत कर सरकारी नौकरी हासिल की थी. बंगाल के शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी थी कि वह परीक्षा को अच्छे से संपन्न कराते. लेकिन, परीक्षा में ही घोटाला हुआ. जिन लोगों ने परीक्षा में घोटाला किया, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, कोई सजा नहीं मिली. लेकिन, हम लोगों की नौकरी छीन ली गई. सैलरी बंद है. इसीलिए, हम लोग सड़कों पर बैठे हैं. मुख्यमंत्री कह रही हैं कि हम लोगों को वित्तीय सहायता दी जाएगी.

ग्रुप सी को 25 हजार और ग्रुप डी को 20 हजार रुपये. हमें मुख्यमंत्री द्वारा यह वित्तीय सहायता नहीं चाहिए. हमें हमारी मेहनत पर मिली नौकरी वापस चाहिए. सैलरी वापस चाहिए.

बता दें कि जिनकी नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी थी. उन्हें राज्य सरकार ने वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. सीएम ममता बनर्जी ने बेरोजगार शिक्षकों को भरोसा दिलाया है कि वह ग्रुप सी और डी कर्मचारियों के लिए शीर्ष अदालत में समीक्षा याचिका दायर करेंगी. जरूरत पड़ी तो कानूनी सलाह भी लेंगी. इस दौरान शिक्षकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. सीएम ममता बनर्जी के भरोसे के बावजूद शिक्षकों की एक ही मांग है कि उन्हें सहायता नहीं, नौकरी चाहिए.

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