ममता बनर्जी ने बंगाल को तालिबानी व्यवस्था के सहारे छोड़ दिया : तरुण चुघ

नई दिल्ली, 9 जुलाई . भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू कश्मीर के प्रभारी तरुण चुघ ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बंगाल को ममता बनर्जी ने तालिबानी व्यवस्था के सहारे छोड़ दिया है. बंगाल के अंदर लगातार टीएमसी के नेता और गुर्गे देश की न्याय व्यवस्था को धता बता कर वहां कंगारू कोर्ट चला रहे हैं.

तरुण चुघ ने कहा कि बंगाल के अंदर चाहे वह नॉर्थ 24 परगना की कामरावती की घटना हो या फिर संदेशखाली की घटना हो, बंगाल के अंदर देखी जा रही ऐसी घटनाएं बताती हैं कि ममता बनर्जी ने बंगाल को तालिबानी शासन व्यवस्था के हाथ में छोड़ दिया है और तालिबानी कानूनों के तहत कंगारू कोर्ट लगाकर टीएमसी के नेता वहां पर अमानवीय अत्याचार, महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि वहां तालिबान का शासन चल रहा है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली दौरे पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी से निवेदन करता हूं कि वह कुछ दिन तमिलनाडु में भी गुजारें जहां जहरीली शराब पीकर दलित समाज के लोग लगातार मर रहे हैं. वहां आपकी गठबंधन की सरकार है. इस पर उनकी रहस्यमय चुप्पी है. राहुल गांधी को कुछ दिन बंगाल के संदेशखाली और नॉर्थ 24 परगना में गुजारने चाहिए. बंगाल में लगातार, हत्याएं, ब्लात्कार और अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं.

उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में झंडा देखकर घर को जलाया जा रहा है, बंगाल में तालिबानी शासन चल रहा है. राहुल गांधी के पास तमिलनाडु, बंगाल जाने के लिए बिलकुल भी समय नहीं है.

उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को लेकर भी प्रतिक्रिया दी.

तरुण चुघ ने कहा कि जम्मू कश्मीर की घटनाएं दुखद हैं, घोर कष्टदायक है, आतंकी हमले की जितनी निंदा की जाए, कम है. शहादत देने वाले शहीदों को कोटि-कोटि नमन करता हूं. आज जम्मू कश्मीर के अंदर जो शांति है, लोकतंत्र के प्रति वहां की जनता का अटूट विश्वास है. जहां पहले बहिष्कार की राजनीति होती थी, वहां लाखों लोग खड़े होकर वोट दे रहे हैं. इससे बौखलाकर आतंकी संगठन लोगों को निशाना बना रहे हैं. वह हारी हुई और आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे. लगातार सुरक्षा बल उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रहे हैं, जिससे भयभीत होकर आतंकी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन भारत उन्हें नहीं बख्शेगा.

फैसल/