पटना, 27 मई . बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. अब इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने कहा कि लालू यादव ने किसी के दबाव में आकर तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निकाला है.
उन्होंने कहा कि लालू यादव ने जो भी कदम उठाया वह बिना सोचे-समझे लिया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि एक फोटो पर इतना बड़ा फैसला लीजिएगा? उन्होंने कहा कि जब रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानन्द सिंह को अपमानित किया गया था, तब फैसला क्यों नहीं लिया गया था. फैसला तब लेना चाहिए था, जब गलत हो रहा था. एक फोटो आई और फैसला ले लिया, यह बहुत गलत हुआ है.
सुभाष यादव ने कहा कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है. तेज प्रताप यादव को सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. तस्वीर के बारे में जो कुछ भी है, उन्हें साफ-साफ बता देना चाहिए. जब तक तेज प्रताप या जिस लड़की की फोटो सामने आई है, वे मीडिया के सामने आकर कुछ नहीं बताते हैं, तब तक सभी लोग असमंजस में हैं.
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के एक अन्य भाई साधु यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में राजद अध्यक्ष लालू यादव के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि लालू यादव ने जो फैसला लिया है वह सही है. तेज प्रताप के मामा साधु यादव ने कहा कि लालू यादव ने गार्जियन के तौर पर जो फैसला लिया है वह सही है. इसके अलावा उन्होंने किसी भी मुद्दे पर बोलने से इंकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने एक पोस्ट के जरिए अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. लालू ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है. ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है. अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं. अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है. अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है. उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे, वे स्वविवेक से निर्णय लें. लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं. परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सार्वजनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है.”
यह फैसला उस वायरल तस्वीर और वीडियो के आधार पर लिया गया, जिसमें तेज प्रताप किसी महिला के साथ दिखे थे और उन्होंने खुद एक पोस्ट लिखकर रिश्ते पर मुहर लगाई थी. हालांकि, जब मामले ने तूल पकड़ा, तो इसे हटा भी लिया.
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एमएनपी/डीएससी