नई दिल्ली, 2 जुलाई . राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व सभापति के बीच एक बार फिर नोक झोंक हुई. खड़गे ने अपने एक वक्तव्य में सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा, मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं. उन्होंने कहा कि मुझे बनाने वाली सोनिया गांधी हैं. न रमेश मुझे बना सकता है, न आप बना सकते हैं, जनता ने मुझे बनाया.
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, खड़गे जी आपको किसने बनाया है, यह आप खुद जानें, मैंने एक मुद्दा उठाया और आपने कैसे उसे ट्विस्ट किया है. आप मुझ पर लांछन लगने की कोशिश की. मैं एक साधारण व्यक्ति हूं, झुक कर चलना पसंद करता हूं.
इससे पहले राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान पर तीखी नाराजगी व्यक्त की थी. सभापति ने खड़गे से कहा कि आप अचानक खड़े होते हैं और कुछ भी कह देते हैं. मेरी बात को समझते भी नहीं हैं. संसदीय इतिहास में चेयर का इस तरह अनादर कभी नहीं हुआ.
सभापति ने कहा, मेरे अंदर बहुत सहनशक्ति है, मैं खून का घूंट पी सकता हूं. मैंने क्या-क्या बर्दाश्त किया है, कितना बर्दाश्त किया है और आप फट से खड़े होकर कह देते हैं.
दरअसल, राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी बोल रहे थे. उसी समय खड़गे कुछ बोलने के लिए उठे तो पीछे से कांग्रेस सांसद जयराम रमेश भी कुछ कहने लगे. सभापति ने जयराम रमेश को बुद्धिजीवी कहते हुए बीच में टोका-टोकी न करने के लिए कहा. इसी दौरान खड़गे ने अपने अपमान का आरोप लगाया.
इस पर सभापति ने कहा, खड़गे जी आप मेरी बात को नहीं समझ पाए, जितना मैं आपका आदर करता हूं, इसका एक अंश भी आप मेरे लिए करेंगे तो आपको महसूस होगा. मैंने यह कहा है जब प्रथम पंक्ति में आप जैसा 56 साल के अनुभव वाला व्यक्ति है, फिर आपको भी हर बार जयराम रमेश टीका-टिप्पणी कर मदद करना चाहते हैं. यह एक प्रॉब्लम है, जिसको आपको सॉल्व करना है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं, श्रीमती सोनिया गांधी ने मुझे बनाया है. न आप बना सकते हैं न रमेश बना सकता है.
इस पर सभापति ने कहा, मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता. मेरी बात को ध्यान से सुनिए, आप अचानक खड़े होते हैं और कुछ भी कह देते हैं, मेरी बात को समझते भी नहीं हैं. संसदीय इतिहास में चेयर का इस तरह अनादर कभी नहीं हुआ.
इसके बाद सभापति ने कहा, मेरे अंदर बहुत सहनशक्ति है. मैं खून का घूंट पी सकता हूं. मैंने क्या-क्या बर्दाश्त किया है, कितना बर्दाश्त किया है और आप सीधे खड़े होकर कह देते हैं.
इससे पहले सदन में भारतीय जनता पार्टी के सांसद अशोक चव्हाण अपनी बात रख रहे थे. अशोक चव्हाण पर तंज कसते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, मुझसे पहले जो सदस्य सदन में बोल रहे थे, मुझे समझ में नहीं आया कि वह इस ओर से बोल रहे थे या उस ओर से.
तिवारी ने कहा कि राजनीति में हमने ‘आदर्श घोटाले’ में बहुत सहा है. महाराष्ट्र के आदर्श घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वच्छता होनी चाहिए, ईमानदारी होनी चाहिए. कल तक जो लोग बोल रहे थे आदर्श घोटाला हुआ है, आज मेज थपथपा रहे हैं. वे लोग ज्यादा बोलते हैं, जो कहीं और से आयात होते हैं.
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जीसीबी/एबीएम