तकरीरों या डुबकी लगाने से पेट नहीं भरता : मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली, 3 फरवरी . राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि रुपया आज वेंटिलेटर पर है. यूपीए के कार्यकाल में ये कहते थे कि रुपया पतला हो रहा है. लेकिन, आज रुपये की क्या हालत हो गई है, रुपया तो वेंटिलेटर पर पहुंच गया है.

जिस समय राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी बात रख रहे थे, उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र एवं भाजपा सांसद नीरज शेखर के साथ उनकी तीखी नोंकझोंक हो गई.

इस पर कुछ देर के लिए सदन में हंगामा हुआ. सभापति ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना बयान वापस लेने के लिए कहा. इस पर खड़गे ने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की काफी इज्जत करते हैं. चंद्रशेखर वरिष्ठ नेता थे, वह चंद्रशेखर के साथ रहे हैं और गिरफ्तार भी हुए हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने महाकुंभ में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने राज्यसभा में कहा कि महाकुंभ में हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी जान दी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.

इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. सत्ता पक्ष के सांसद खड़गे के ‘हजारों की संख्या’ बोले जाने से नाराज थे. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी इस मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे को टोकते हुए कहा कि यदि आप ‘हजारों लोगों’ के मरने की बात कहेंगे तो मैं आपसे अपील करूंगा कि आप अपने वक्तव्य पर ध्यान दें.

सभापति ने कहा कि आपके बोलने का काफी महत्व पड़ता है और यदि आप इस प्रकार की बात कहेंगे कि हजारों लोग…, आप किस प्रकार का संदेश दे रहे हैं. मैं आपसे अपील करता हूं और चाहूंगा कि आप अपना बयान वापस लें.

खड़गे ने कहा कि यदि मैं गलत हूं तो मैं आपसे माफी मांग लूंगा, लेकिन यह बताया जाना चाहिए कि कुंभ में कितने लोगों की मृत्यु हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कई विफलताओं को भी सफलता के रूप में बताया गया है. केंद्र सरकार ने जितने भी वादे किए, सब खोखले निकले.

उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर कहा कि देश का किसान और बेरोजगार आत्महत्या करने पर मजबूर है. बेरोजगारी ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं. महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी, गांव-देहात के लोगों की हालत तो बदतर हो गई. आम जनता की दुख और मुसीबतें लगातार बढ़ रही हैं.

खड़गे ने कहा कि यह अमृत काल है या विष काल. बीते 10 साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा. आय दोगुनी करने का वादा पूरा नहीं हुआ. सत्ता पक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निरादर किया. मनमोहन सिंह ने जो महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, आप नहीं कर सकते. उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी और कोविड प्रबंधन को नाकाम बताया.

खड़गे ने कहा कि हमारे देश में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार हैं. सरकारी नौकरियों में अभी भी 35 से 40 लाख पद खाली हैं, उन्हें क्यों नहीं भरा जाता? अनुसूचित जाति के बच्चों की भर्ती न हो, इसलिए आप इन नौकरियों पर भर्ती नहीं कर रहे हैं. अभी तक 22 करोड़ नौकरी दी जानी चाहिए थी, वह नौकरियां कहां हैं? आपने केंद्रीय बजट में किसानों को क्या दिया है? तकरीरों या डुबकी लगाने से पेट नहीं भरता.

जीसीबी/एबीएम