New Delhi, 16 जुलाई . राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और Lok Sabha में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने Wednesday को Prime Minister Narendra Modi को एक संयुक्त पत्र लिखा है. उन्होंने आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने संबंध में संसद के आगामी मानसून सत्र में एक विधेयक लाया जाए और लद्दाख को भी संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए.
मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने संयुक्त पत्र में लिखा, “हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक विधेयक लाए. इसके अलावा, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून बनाए. यह लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और साथ ही उनके अधिकारों, भूमि और पहचान की भी रक्षा करेगा.”
पत्र में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं. यह मांग जायज होने के साथ-साथ उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी आधारित है.
कांग्रेस नेताओं ने पत्र में लिखा, “यह समझना जरूरी है कि जहां पहले भी केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिए जाने के उदाहरण रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर का मामला स्वतंत्र भारत में अभूतपूर्व है. यह पहली बार है जब किसी पूर्ण राज्य को उसके विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया है.”
राहुल गांधी और खड़गे ने Prime Minister के पूर्व बयानों का हवाला भी दिया, जिनमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने का आश्वासन दिया था.
पत्र में लिखा गया है, “आपने स्वयं कई अवसरों पर राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है. 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए अपने साक्षात्कार में आपने कहा था कि राज्य का दर्जा बहाल करने के वादे पर हम पूरी तरह से गंभीर है और इस पर कायम हैं. 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए आपने फिर से पुष्टि की कि ‘हमने संसद में कहा है कि हम इस क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे.”
इसके अलावा, पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि Government of India ने अनुच्छेद 370 से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान Supreme court में भी राज्य का दर्जा ‘जल्द से जल्द’ बहाल करने का आश्वासन दिया था.
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डीसीएच/एएस