मालेगांव केस: एआईएमआईएम विधायक मुफ्ती इस्माइल ने कहा- फैसले को ऊपरी अदालत में देंगे चुनौती

Mumbai , 31 जुलाई . मालेगांव बम धमाका मामले में अदालत द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के बाद एआईएमआईएम नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. एआईएमआईएम नेताओं ने फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मालेगांव केस की हमें हकीकत शुरू से पता थी और यह भी यकीन था कि फैसला ऐसा ही आएगा.

मालेगांव के एआईएमआईएम विधायक मुफ्ती इस्माइल ने कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने आरोप लगाया कि “2008 के ब्लास्ट में जिस मोटरसाइकिल पर बम लगाया गया था, वह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम रजिस्टर्ड थी. केस में कर्नल पुरोहित और असीमानंद के पास से जो लैपटॉप मिला था, उसमें सारे पुख्ता सबूत मौजूद थे. लेकिन कोर्ट ने उस लैपटॉप को केस से बाहर कर दिया, जबकि उसी में हैदराबाद और अजमेर धमाकों की जानकारी भी थी.”

उन्होंने कहा, “कुंभ मेले में ही इस पूरी साजिश की योजना बनाई गई थी. ऐसे में जब सबूत होने के बावजूद कोर्ट आरोपियों को निर्दोष बताता है, तो यह न्याय नहीं है. हम पीड़ित लोग हैं, क्योंकि हमारे 6 लोग मारे गए थे. 101 लोग जख्मी हुए थे, जो आज तक परेशानी झेल रहे हैं. 17 साल बाद भी इस तरह का फैसला आया है, तो यह दुख की बात है.”

एआईएमआईएम विधायक ने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे, क्योंकि यह इंसाफ नहीं है.

एआईएमआईएम की Maharashtra इकाई के अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने अदालत के फैसले के बाद Maharashtra Government को घेरा है. मीडिया से बातचीत में इम्तियाज जलील ने सवाल किया, “हाल ही में ट्रेन ब्लास्ट केस में राज्य Government ने फैसले को Supreme court में चुनौती दी थी. अब मालेगांव ब्लास्ट केस में भी जब अदालत ने फैसला दिया है, तो क्या इस बार भी राज्य Government वही कदम उठाएगी?”

डीसीएच/